Pulwama हमले में क्या हुआ था, कितने जवान शहीद हुए और उसके बाद भारत ने पुलवामा हमले का बदला कैसे लिया?


पुलवामा (Pulwama Attack) हमला भारत की आत्मा पर ऐसा अटैक था, जिसे आज 6 साल बाद भी कोई नहीं भूला है। पाकिस्तानी (Pakistan) कायरों ने 300 किलो आरडीएक्स के साथ एक एसयूवी कार 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमला किया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आतंकी संगठन जैश—ए—मोहम्मद ने ली थी। 


हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गये थे। काफिले की 78 बसों में सवार 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। हमले के बाद भारत सरकार की इच्छाशक्ति और ताकत पर सवाल उठने लगे थे, लेकिन भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी टीम चुप नहीं थी। 


हमले के बाद तक भी जब कोई हलचल नहीं हुई तो पाकिस्तान ने भारत को कायर बोलना शुरू कर दिया था। भारत के अंदर भी मोदी सरकार की तीखी आलोचना हो रही थी। जबकि किसी को पता नहीं था कि सरकार अंदर ही अंदर क्या कर रही है। इस ओपरेशन की कमान एक बार फिर से अजीत डोभाल के पास थी। 


25 फरवरी की रात ओपरेशन में शामिल सभी के मोबाइल फोन बंद कर दिये गये थे। ग्वालियर एयर बेस से मिराज—2000 ने उडान भरी तो देश के दूसरे एयर बेस को अलर्ट पर रखा गया था। रात को जब सारा पाकिस्तान सोया हुआ था, तब आधी रात बाद 3 बजे बालाकोट में जैश—ए—मोहम्मद के ठिकानों पर 1000 किलो आरडीएक्स से भारतीय वायुसेना ने बम बरसाए। 


जब तक पाकिस्तान को एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव होता, उससे पहले तो भारतीय एयर क्राफ्ट वापस लौट चुके थे। बाद में पाकिस्तान में भी जवाबी कार्रवाई करने के लिए अपने विमान उडाए, लेकिन भारत ने तब तक सब खत्म कर दिया था। हालांकि, भारत के तमाम वायुसेना हवाई अड्डों को अलर्ट मोड पर रखा गया था। साथ ही थलसेना को भी अलर्ट कर दिया गया था।


इस हमले में जैश के करीब 300 से ज्यादा आतंकी मारे गये। इस ठिकाने को पाकिस्तान ने कई महीनों तक नो फ्लाई जोन बना दिया था। यहां पर कोई नहीं आ सकता था। जब सभी सबूत मिटा दिये गये, तब पाकिस्तान ने इस इलाके को खोला था। 


6 साल बाद आज भी भारत के प्रत्येक व्यक्ति का मन उस कायराना आतंकी हमले को याद कर रुआंसा हो जाता है। हालांकि, उसके बाद पाकिस्तान से भारत में होने वाले आतंकी हमले लगभग बंद हो गये हैं।

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