वसुंधरा राजे की खुशी का राज क्या है?



वसुंधरा राजे इन दिनों बेहद खुश दिखाई दे रही हैं। उनकी खुशी का राज जो भी हो, लेकिन इतना पक्का है कि वसुंधरा को आने वाले दिनों में सत्ता और संगठन में बड़ी भूमिका मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जब साल 2018 में वसुंधरा राजे सत्ता से बाहर हुई थीं, उसके बाद भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर उनकी भाजपा आलाकमान के साथ लंबी खींचतान चली थी। 

बाद में डॉ. सतीश पूनियां को अध्यक्ष बनाया गया तो वसुंधरा राजे ने उनका सहयोग नहीं कर एक तरह से कोप भवन में चली गईं। जब तक सतीश पूनियां प्रदेश अध्यक्ष रहे, तब तक उन्होंने पार्टी के लगभग हर कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। 

पिछले साल दिसंबर में भाजपा को सत्ता मिली तो वसुंधरा राजे को लगा कि उनको तीसरी बार सीएम बनाया जाएगा, लेकिन जब राष्ट्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सांगानेर विधायक भजनलाल शर्मा के नाम की पर्ची वसुंधरा राजे को थमाई तो वो नाम देखकर हक्की—बक्की रह गईं। 

तीसरी बार सीएम नहीं बनाए जाने से उस मंच पर वसुंधरा राजे की आंखों से आंसू नहीं आए, बाकी उससे कम कसर भी नहीं रही। तब से वसुंधरा राजे करीब एक साल तक राजस्थान की भाजपा सरकार, प्रदेश के संगठन और आलाकमान से पूरी तरह नाराज दिखती रही हैं। 

इस दौरान भी वो पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को छोड़कर भाजपा के हर प्रोग्राम से दूर ही रहीं, लेकिन 17 दिसंबर 2024 को जब पीएम मोदी ने जयपुर में ईआरसीपी का उद्घाटन किया, तब इशारा करके पीएम मोदी ने वसुंधरा राजे को दिल्ली आकर मिलने को कहा। 

बाद में वसुंधरा राजे दिल्ली जाकर पीएम मोदी से मिलकर आईं, तब से उनका रूख बिलकुल बदला हुआ नजर आ रहा है। तभी से वसुंधरा सार्वजनिक मंचों पर भी खुश रहती हैं और प्रदेश भाजपा के कार्यक्रमों में भी शामिल होती हैं। 

इस वजह से लोगों में चर्चा जोरों पर है कि आखिर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की इस खुशी का राज क्या है? अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि वसुंधरा को खुशी किस बात की है, लेकिन इतना तय है कि पीएम मोदी ने उनको दिया कोई बड़ा आश्वासन ही है।

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