नये बजट की तैयारी, पुराने की घोषणाएं अधूरी!

राजस्थान सरकार का अगला बजट 19 तारीख को सदन में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री दिया कुमारी अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। उन्होंने प्रदेश में पहली वित्त मंत्री के तौर पर काम किया है। भजनलाल शर्मा की सरकार में वित्त के अलावा पीडब्ल्यूडी और पर्यटन जैसे विभाग भी दिया कुमारी के पास हैं। 

यानी भजनलाल सरकार के राजकोष से लेकर प्रदेश के टूरिज्म पर भी दिया कुमारी की लगाम है। दिया कुमारी ने जब पिछला बजट सदन में पेश किया, वो प्रदेश का अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण बन गया था। सैकड़ों घोषणाएं कर दिया कुमारी ने वाहवाही लूटने का काम तो खूब किया, लेकिन अफसोस की बात यह है कि पिछले बजट की बड़ी घोषणाओं में आधी भी पूरी नहीं हुई। 

होती भी कैसे, सरकार के पास पैसा तो है नहीं। जो भी विकास से संबंधित काम करवाए जाते हैं, उनके लिए सरकार को ऋण लेना पड़ता है। पिछली अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के ऊपर 5.70 लाख करोड़ को कर्जा छोड़कर गये थे। वह अब एक साल बाद 6.40 लाख करोड़ का हो चुका है। उससे पहले 2020 में राज्य के उपर करीब 4.10 लाख करोड़ का कर्जा था। 

यानी बीते पांच साल के दौन राज्य पर करीब—करीब दोगुना कर्जा हो चुका है। 2020 में सरकार प्रतिवर्ष करीब 41 हजार करोड़ रुपये लोन और ब्याज चुकाने में खर्च करती थी, लेकिन अब 1.60 लाख करोड़ तो लोन चुकाने और ब्याज अदा करने में ही चले जाते हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार अपने कुल बजट का करीब 32 फीसदी पैसा कर्ज और ब्याज भरने में ही व्यय करती है।

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