टूटेगी आम आदमी पार्टी!

 

दिल्ली की सत्ता में तीन बार शासन करने वाली आम आदमी पार्टी टूटने की कगार पर है। अरविंद केजरीवाल के चुनाव हारने के बाद उन पर संयोजक का पद छोड़ने का दबाव बढ़ने लगा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जीते हुए ज्यादातर विधायक इसके पक्ष में हैं कि केजरीवाल इस पद को छोडें और दूसरे किसी नेता को अवसर दें। 

दरअसल, जब से पार्टी का गठन हुआ है, तब से केजरीवाल ही पार्टी के मुखिया बने हुए हैं। वो सीएम बने थे, तब भी संयोजक पद छोड़ने का दबाव बना था, लेकिन उन्होंने पद नहीं छोड़ा, जिसके कारण कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव, आशुतोष जैसे नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। 

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 22 विधायक हैं, जिनको केजरीवाल रोजाना संपर्क करते हैं। माना यह जा रहा है कि यदि अधिकांश विधायकों ने मिलकर पार्टी छोड़ दी, या फिर केजरीवाल को ही पार्टी से बाहर कर दिया तो क्या होगा?

असल बात यह है कि दो तिहाई बहुमत से यदि विधायक सहमत होते हैं तो दूसरी पार्टी में विलय हो सकता है, या पार्टी दूसरे हाथों में जा सकती है। कई राज्यों में भाजपा ने दूसरे दलों में सेंधमारी की है, ऐसे में केजरीवाल को आशंका है कि दिल्ली में भी उनके साथ ऐसा हो सकता है। यही वजह है कि केजरीवाल हर दिन अपने सभी विधायकों से संपर्क करते हैं और पार्टी के प्रति वफादारी का पाठ सिखाते रहते हैं। 

इधर, पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के 91 विधायकों की सरकार है। कांग्रेस ने पिछले दिनों कहा था कि 30 विधायक उनके संपर्क में हैं। उसके अगले ही दिन केजरीवाल ने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाकर पार्टी से गद्दारी नहीं करने की शपथ दिलाई थी। 

केजरीवाल को दिल्ली और पंजाब में ऑपरेशन लोटस के द्वारा आम आदमी पार्टी का भाजपा में विलय होने का डर सताता रहता है। माना जा रहा है कि यदि केजरीवाल ने जल्द संयोजक का पद छोड़कर दूसरे को जिम्मेदारी नहीं दी तो पार्टी टूटने का खेल हो सकता है। 

Post a Comment

Previous Post Next Post