प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता, कैबिनेट मंत्री, 6 बार के विधायक और दो बार के सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी आजकल सुर्खियों में है। पिछले दिनों उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो अपनी ही सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उनका फोन टैप किया जा रहा है, उनके पीछे सीआईडी लगाई गई है, उनको झुकाने प्रयास किया जा रहा है, लेकिन वो न झुकेंगे और न ही टूटेंगे।
किरोड़ी के इस वीडियो बयान के सामने आने के बाद विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने दिनभर हंगामा किया, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना बयान नहीं दिया और न ही सीएम भजनलाल शर्मा को आराम से रिप्लाई करने दिया।हंगामे के बीच सीएम शर्मा ने अपना उत्तर तो दे दिया, लेकिन उसके बाद भी सदन के बाहर किरोड़ीलाल मीणा के फोन टैप होने का मामला शांत नहीं हुआ है। विपक्ष ने 19 तारीख को बजट पेश होने के दिन भी वही हंगामा करने की योजना बना ली है।
दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा वैसे तो सरकार गठन के साथ ही नाराज हो गये थे। उनकी पांच साल की मेहनत को देखते हुए किरोड़ी और उनके समर्थक सीएम बनाए जाने की उम्मीद लगाए बैठे थे। जब भजनलाल को सीएम बनाया गया तो उनको लगा कि कम से कम डिप्टी सीएम तो बनाया ही जाएगा, लेकिन उनको मंत्री बनाया गया, जिसमें भी पंचायती राज विभाग को दो टुकड़ों में बांटकर किरोड़ी को दिया गया।
जिसके बाद से ही किरोड़ी और उनके समर्थक बेहद नाराज थे। भाजपा मुख्यालय के बाहर किरोड़ी समर्थकों ने हंगामा भी किया था। माना जा रहा है कि तभी से किरोड़ी मंत्री पद छोड़कर मुक्त होना चाहते थे। लोकसभा चुनाव के दौरान उनके मंत्री पद से इस्तीफा देने का बहाना मिल गया।
दौसा लोकसभा सीट पर अपने समर्थक कन्हैयालाल मीणा को टिकट दिलवाया और शपथ ले ली कि यदि कन्हैयालाल चुनाव हारेंगे तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। लोकसभा चुनाव परिणाम में कन्हैयालाल हार गये। इसके कुछ समय बाद ही किरोड़ी ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि, सरकार ने आज दिन तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है, लेकिन वो अब भी अपनी बात पर अड़े हुए हैं।
जानकारों का मानना है कि किरोड़ी लाल मीणा सीएम बनना चाहते हैं, वो भजनलाल शर्मा के नीचे काम नहीं करना चाहते हैं। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि यदि किसी अनुभवी नेता को सीएम बना दिया जाता तो किरोड़ी मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते। उन्होंने कुछ समय पहले सीएमओ में तैनात आईएएस शिखर अग्रवाल पर भी सरकार चलाने का आरोप लगाया था।
हालांकि, राइजिंग राजस्थान और ईआरसीपी के कार्यक्रम में किरोड़ी लाल उपस्थित थे, लेकिन उसके कुछ समय बाद फिर से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर अपनी पीड़ा भी बताई थी, तब शाह ने उनको धैर्य बनाए रखने की बात कही थी, लेकिन फिर से उनका वीडियो वायरल होने के कारण भाजपा सरकार संकट में फंस गई है।
चर्चा है कि जब तक किरोड़ी को कम से कम डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाएगा, तब तक उनका रवैया बदलने वाला नहीं है। राजस्थान सरकार में फिलहाल किसी तरह के बदलाव की सुगबुगाहट नहीं है। ऐसे में कहा नहीं जा सकता है कि आने वाले दिनों में किरोड़ी क्या कदम उठाएंगे और भाजपा उनको लेकर क्या फैसला करेगी।
भाजपा उनको मंत्री पद पर ही रखेगी, इस्तीफा स्वीकार करेगी, पार्टी उनपर कार्यवाही करेगी, उनको डिप्टी सीएम बनाया जाएगा अथवा क्रोधित होकर वो खुद पार्टी छोड़ देंगे? जो भी होगा, लेकिन इतना पक्का है कि किरोड़ी के कारण कांग्रेस को संजीवनी जरूर मिल गई है।
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