सचिन पायलट का होगा कांग्रेस अध्यक्ष?

कांग्रेस के सबसे रिलायबल और क्रेजी लीडर सचिन पायलट एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को इस पद पर करीब 5 साल पूर्ण हो चुके हैं, जबकि उनकी लीडरशिप में कांग्रेस कुछ खास मुकाम हासिल नहीं कर पाई है। 

विधानसभा चुनाव में हार मुखिया होने के नाते अशोक गहलोत की मानी जाएगी, लेकिन उसके बाद उप चुनाव में 7 में से 6 सीट हारकर कांग्रेस एक बार फिर से 10 साल पुरानी हालत में दिखाई दे रही है। बीच में लोकसभा चुनाव में भाजपा 11 सीटें हारी थी, लेकिन उसके बीजेपी की कमजोरी समेत दूसरे कारण थे, कांग्रेस ने 11 में से 8 सीट जीती थी, जो अध्यक्ष या अन्य किसी नेता की उपलब्धि नहीं थी। 

डोटासरा 5 साल से अध्यक्ष हैं, लेकिन जिलों के अध्यक्ष भी अपनी पसंद से नहीं बना पाए हैं। अधिकांश जिलों में कांग्रेस उन्हीं पुराने अध्यक्षों से काम चला रही है। यह बात सही है कि डोटासरा को गहलोत ने अध्यक्ष बनाया था, लेकिन इन पांच साल में उनको काम करके खुद को साबित करने का बड़ा अवसर गंवाया है। 

यही वजह है कि राज्य में एक बार फिर से अध्यक्ष के लिए कवायद तेज हो गई है। कांग्रेस में इस समय गहलोत और पायलट के अलावा भी कई धड़े बने हुए हैं, जो अंदरखाने काम कर रहे हैं। डोटासरा भले ही खास असर नहीं छोड़ पाए हो, लेकिन वो भी एक गुट बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। 

पार्टी के विधायकों में एक दर्जन विधायक डोटासरा के साथ भी खड़े हैं, जबकि सबसे अधिक करीब 3 दर्जन विधायकों के साथ सचिन पायलट पूरी कांग्रेस पर हावी हैं। अशोक गहलोत बाहर से कभी गुटबाजी दिखाने का काम नहीं करते, लेकिन अंदर ही अंदर उनके विधायक भी अपने नेता के लिए डटकर खड़े हैं।

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