खत्म नहीं कर भी खत्म कर दिया जाएगा वक्फ बोर्ड

जयपुर।

वक्फ बोर्ड खत्म के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कदम उठा दिये हैं। वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश कर दिया है। विपक्ष के सांसद असदुदृीन ओवैशी जैसे लोग इसको लेकर देश में आग लगाने की बात कह रहे हैं। सरकार ने जेपीसी से आने बाद बिल को राज्यसभा में रख दिया है। अब इसपर बहस के बाद बिल को पास कर​ दिया जाएगा। 


इस बिल के पास होने के बाद चार बड़े बदलाव हो जाएंगे। सेक्शन 40 के तहत अब तक रीजन टू बिलीव के तहत वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन पर दावा करता था, तो उसकी सुनवाई सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में ही हो सकती थी। नये बिल के अनुसार जमीन पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा। 


दूसरा अब तक वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला ही आखिरी माना जाता है, उसे कहीं भी चुनौती नहीं दी सकती है। नये बिल के मुताबिक वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी। 


तीसरा प्रावधान यह था कि किसी जमीन पर मस्जिद हो या उसका उपयोग इस्लामिक उद्वेश्यों के लिए हो तो वो स्वत: वक्फ बोर्ड की संपत्ति हो जाती है। अब जब तक किसी ने वक्फ को दान में जमीन नहीं दी हो, भले उसपर मस्जिद बनी हो, पर वह वक्फ की संपत्ति नहीं होगी। 


चौथा प्रावधान यह था कि वक्फ बोर्ड में महिला और दूसरे धर्मों के लोग सदस्य नहीं हो सकते थे, लेकिन अब वक्फ बोर्ड में 2 महिलाएं होंगी और अन्य धर्मों के भी दो सदस्यों को स्थान दिया गया है। यानी वक्फ बोर्ड को खत्म नहीं किया गया, बल्कि उसे बिलकुल पंगु बना दिया जाएगा, जिसके बाद उसके होने या नहीं होने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

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