—फ्री वाले वादों के साथ जाति-क्षेत्र को लेकर भी छिड़ी जंग, सत्ता की चाबी 16 लाख झुग्गी वोटर के हाथों में
-देश-दुनिया की नजरें दिल्ली विधानसभा चुनाव पर टिकी। आप लगातार चौथी बार खटखटा रही सत्ता का दरवाजा तो भाजपा 27 साल बाद लौटने को बेताब। पीएम सहित सभी दलों के टॉप लीडर्स प्रचार में उतरे।
-ज्यादातर वोटर कर रहे इस बात कि तुलना कि किस पार्टी में फ्री देने की कितनी ताकत
-सबसे हॉट नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल का मुकाबला दो पूर्व सीएम के बेटों से
इस वक्त हम हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे चर्चित सीटों में से एक कालकाजी के कृष्णा मार्केट में। यह सीएम आतिशी का इलाका है। यहां भाजपा को सीधी चुनौती देता आप का बड़ा होर्डिंग नजर आ रहा है। लिखा है- “दिल्ली का सीएम कौन? अरविंद केजरीवाल या गाली गलौच पार्टी?” कुछ ही दूरी पर बिल बोर्ड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ लिखा है- “साबरमती को साफ किया, अब जमुना की बारी है”। चंद फासले के अगले बोर्ड पर राहुल गांधी के बड़े पोज के आगे लिखा है- “10 साल से रुके विकास को बढ़ाने कांग्रेस है जरुरी।” दिल्ली के सर्द मौसम में सियासी पारा ऊफान पर है।
यह नजारा तमाम 70 विधानसभा क्षेत्रों में है। 5 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए आप-भाजपा में सीधी भिडंत दिखाई दे रही है तो कांग्रेस चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए एडी-चोटी का जोर लगा रही है। पार्टियों के फ्री वाले वादों के साथ जाति-क्षेत्र की छिड़ी जंग उभरकर सामने आ रही है। चुनावी घोषणा-पत्रों में मतदाताओं को लुभाने पानी, बिजली, स्वास्थ्य के साथ युवा, गरीब, पेंशन, महिलाओं को फोकस किया है।
’फ्री” अब यहां ज्यादातर लोगों की जुबां पर चढ़ गया है।
तुलना इस बात की हो रही है कि कौन पार्टी कितना फ्री देने की ताकत रखती है। आम जनता की नब्ज टटोली तो निकला 2013 से दमदार प्रदर्शन कर रही आप को इस बार भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही। रिक्शा किनारे कर सुस्ता रहे हरी बोले-आप के फ्री वाले भंडारे ने वोटर को गिरफ्त में ले रखा है।
दिनेश कहते हैं- 'केजरीवाल फिल्मी स्टाइल में काम कर रहे हैं। फिल्म का वो डायलॉग दोहराया- जनता को फ्री की आदत डालो, अगूंठा तो हम लगाएंगे। दिल्ली में सत्ता की चाबी इस बार भी झुग्गी वोटर्स के हाथ में दिखाई दे रही है।' कच्ची बस्तियों में रहने वाले करीब 16 लाख मतदाता पूरे चुनाव का रुख मोड़ने की ताकत रखते हैं।
महरौली सीट के कुसुमपुर पहाड़ी कच्ची बस्ती में हमें नेत्रपालसिंह मिले। बोले-”झुग्गियों का 80 फीसदी वोट आप का है, लेकिन कांग्रेस जितना वोट काटेगी उतना ही भाजपा फायदे में रहेगी’।
आप मुख्यालय पर खड़े गंगासिंह कहते हैं- “हमारा कोर वोटर ये गरीब तबका ही है, इस बार भी हमारे साथ है।” दमखम के साथ सत्ता में लौटने की तैयारी कर रही भाजपा के समर्थक आटो चालक जेपी अरोड़ा हमें खान मार्केट में मिले। कहते हैं- “हमारा धंधा चौपट हो गया। चार-पांच घंटे इंतजार के बाद भी फ्री बसों के चलते कोई भी महिला यात्री हमारे ओटो में नहीं बैठती। ऐसे में करीब डेढ़ लाख आटो वाले आप को सबक सिखाने की तैयारी में हैं।”
चुनाव में नई दिल्ली हाईप्रोफाइल सीट बन गई है। 1998, 2003, 2008 में शीला दीक्षित का किला रही इस सीट पर 2013 से केजरीवाल का सिक्का चल रहा है। इस बार यहां केजरीवाल का मुकाबला दो पूर्व सीएम के बेटों से है। कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और भाजपा ने साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश वर्मा को मैदान में उतार दिया है।
पिछले चुनाव में इस सीट पर रिकार्ड दो दर्जन से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में थे। रैली, सभाओं के साथ जुबानी जंग का दौर अब और तेज हो रहा है। पार्टियों के वॉर रुम दिन-रात बनती-बदलती स्ट्रेटेजी से आबाद है। सोशल मीडिया के लिए पूरी फौज लगी है। चुनावी जंग में एआई भी अपना असर दिखा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक महेश चौधरी के मुताबिक-” प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी की राह इस चुनाव में उतनी आसान दिखाई नहीं दे रही। भाजपा सीधे टक्कर दे रही है तो पिछले दो चुनाव से खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस यहां अपनी खोई जमीन तलाश रही है।”
जिस मौहल्ला क्लनिक को आप लाइफलाइन बता रही है, भाजपा उसी को स्वास्थ्य के नाम पर बड़े घोटाले के रूप में पेश कर रही है। रैलियों, सभाओं, रोड शो में एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लगी है।
जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साध रही पार्टियां
पार्टियां जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने में कोई चूक नहीं करना चाहती। भाजपा जाट-गुर्जर, पूरबिया समीकरण को साधने में जुटी है। कांग्रेस मुस्लिम के साथ अपने प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र यादव के सहारे यादव समीकरण बनाने के प्रयास में है। जाट समाज के मतदाताओं के प्रभाव वाली नजफगढ़, बिजवासन, महरौली, विकासपुरी, मुंडका, नरैला, रिठाला, पालम, नांगलोई, मटियाला जैसी करीब एक दर्जन सीटें हैं। इसी तरह गुर्जर वोटर प्रभावित सीटों में करावलनगर, छतरपुर, बदनपुर, ओखला, तुगलकाबाद, गोकुलपुरी, गोंडा शामिल हैं।
करीब 8 फीसदी मुस्लिम मतदाता भी समीकरणों को बेहद प्रभावित कर रहे हैं। सीलमपुर, मटिया महल, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, बाबरपुर में मुस्लिम वोटर हर बार की तरह इस बार भी गेमचेंजर हैं। जाट-गुर्जर करीब 18 फीसदी मतदाता हैं। दिल्ली के करीब 1.55 करोड़ मतदाता दिल्ली के भाग्य का फैसला करेंगे। 2013 चुनाव में आप को 28, कांग्रेस को 8, भाजपा को 32 सीटें मिली थी। 2015 में 67 सीटों के साथ आप ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। पिछले चुनाव में भी आप ने 62 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला।
आम आदमी पार्टी की बड़ी घोषणाएं
छात्रों को डीटीसी बसों में यात्रा फ्री। केंद्र की मदद से मेट्रो के किराए में 50% की छूट - 200 यूनिट मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं को डीटीसी की बसों में मुफ्त यात्रा जारी रहेंगी। - महिलाओं को 2100 रुपये हर महीने की आर्थिक सहायता। -बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था - पुजारियों-ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये की आर्थिक मदद। -संजीवनी योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को इलाज की सुविधा।
भाजपा संकल्प पत्र की बड़ी घोषणाएं
महिला समृद्धि योजना के तहत प्रति महीने महिलाओं को 2500 दिए जाएंगे - गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 की सब्सिडी - गरीब परिवारों को होली और दिवाली पर एक सिलेंडर मुक्त दिया जाएगा - गर्भवती महिलाओं को 21000 दिए जाएंगे - 70 साल से अधिक आयु के लोगों को 10 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा - 60 से 70 साल के लोगों की पेंशन में 500 की बढ़ोतरी की जाएगी। - 70 साल से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांग व विधवा महिलाओं को 2500 के बजाय 3000 पेंशन दी जाएगी -दिल्ली में अटल कैंटीन योजना के तहत झुग्गी झोपड़ी इलाकों में 5 रुपए में भोजन
कांग्रेस इन घोषणाओं के साथ मैदान में
युवा उड़ान योजना के तहत 8500 रुपए मासिक बेरोजगार युवाओं को -महाकुंभ की तर्ज पर छठपूजा आयोजन -पांच सौ का सिलेंडर, 300 यूनिट बिजली फ्री -25 लाख का हैल्थ कवर जीवन रक्षा योजना के तहत -प्यारी दीदी योजना के तहत ढाई हजार रुपए महिलाओं को प्रतिमाह
इनका कहना है-
"दिल्ली की आप सरकार ने खूब भ्रष्टाचार किए। मौहल्ला क्लिनिक के नाम पर तीन सौ करोड़ का घपला किया। फर्जी लैब टेस्ट किए। हमारी सरकार आते ही हम जांच करवाएंगे। -जे.पी. नड्डा, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा दिल्ली में हम आप पार्टी के साथ गठबंधन चाहते थे, लेकिन जेल से बाहर आते ही केजरीवाल ने अपनी तरफ से समझौता तोड़ दिया। अब हम अपने दम पर मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।"
-अजय माकन, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, कांग्रेस
"दिल्ली में किराएदारों को भी अब फ्री बिजली-पानी मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा पूर्वांचल के दिल्ली में रहने वाले लोगों को मिलेगा। हम चुनाव जीत रहे हैं।"
-अरविंद केजरीवाल, संयोजक, आप
"भाजपा की संभावनाओं के पीछे बड़ा कारण आप सरकार के कारनामें हैं। 11 साल में शायद ही कोई अपवित्र काम नहीं हुआ हो। जनता को फ्री की रेवडियां देकर लंबे समय तक खुश नहीं किया जा सकता। केजरीवाल ने सत्ता हासिल करने के लिए सरकारी सुविधाओं से दूर रहने का जो वादा किया वो खोखला साबित हुआ।"
-प्रोफेसर संगीत राघी, दिल्ली विश्वविद्यालय
"पिछले तीन साल में आप पार्टी को काम नहीं करने दिया गया है। इसलिए जनता कंफ्यूज है कि इस बार भी यदि आप जीतती है तो अगले 5 साल क्या होगा? पिछली बार की तरह एकतरफा नहीं, लेकिन फिर भी पार्टी बढ़त में है।"
-प्रोफेसर अजय गुडावर्ती, जेएनयू दिल्ली
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