रामगोपाल जाट
टोंक के समरावता गांव में पुलिस और उपद्रवियों के बीच हुई झड़प के दूसरे दिन जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा की प्रतिक्रिया आई है। कलेक्टर ने कहा है कि गांव वाले जब वोटिंग का बहिष्कार कर रहे थे तब उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि चार बार तो उन्होंने ख़ुद के ही फ़ोन से कॉल किया, लेकिन मीणा ने फ़ोन ही नहीं उठाया।
कलेक्टर ने शनिवार को समरवाता गांव में जाकर जायजा लिया है और उस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बातचीत की, जिससे कथित तौर पर जबरन वोट करवाया गया था। महिला ने कलेक्टर झा को शिकायत करते हुए बताया कि एसडीएम अमित चौधरी ने उन्हें दबाव में लेकर वोटिंग करवाई। कलेक्टर के सामने शिकायत करते हुए महिला काफ़ी उत्तेजित हो गई।
RAS अधिकारियों की हड़ताल
समरवाता में पुलिस बल तैनात है, जबकि जयपुर में RAS असोसियेशन ने सीएम से मुलाक़ात कर उन्हें मामले से अवगत करवाया और कार्य बहिष्कार वापस लेने पर सहमति जताई। इस बीच कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि जो भी दोषी होगा उसे बख़्शा नहीं जाएगा।
चुनाव का बहिष्कार किया था
उल्लेखनीय है कि 13 नवंबर को राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें देवली-उनियारा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने समरावता गांव में चल रहे मतदान बहिष्कार का समर्थन किया था। गांव वालों का कहना था कि उनकी पंचायत को देवली उपखण्ड से उनियारा उपखंड में शामिल करवाना चाहते थे। इसी को लेकर समरावता गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
एसडीएम ने कराया जबरन मतदान
नरेश मीणा और गांव वालों ने आरोप लगाया कि एसडीएम अमित चौधरी ने एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत तीन लोगों के जबरन वोट करवा दिया। जब इस बात की जानकारी धरने पर बैठे लोगों को मिली तो नरेश मीणा भड़क गए और उन्होंने बूथ पर जाकर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया।
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