जयपुर में 5000 करोड़ का गबन करने में जुटे हैं ACB अधिकारियों के खास: मंत्री किरोड़ीलाल मीणा

 


रामगोपाल जाट

एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश में विकास के लिए समर्पित होकर देश-विदेश से निवेश जुटाने में जुटे हैं तो दूसरी ओर प्रदेश के एसीबी अधिकारी राजधानी जयपुर में ही करीब 5000 करोड़ रुपए की बेशकीमती ज़मीन को हड़पने वाले माफिया का साथ दे रहे हैं। इसको लेकर सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने एसीबी मुख्यालय पहुंचकर एसीबी से आरोपियों की गिरफ्तारी करने की माँग की है।



अमेरिकन एनआरई डॉ राजेश्वर डी खरे ने मंत्री मीणा के साथ एसीबी ऑफिस जाकर शिकायत की है और उसके बाद एसीबी कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए। इस मामले में मंत्री मीणा का कहना है कि बीजेपी सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत जब अपना उपचार कराने अमेरिका गए थे, तब उनकी मुलाकात डॉ खरे से हुई और उन्होंने डॉ खरे को राजस्थान आकर निवेश करने का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद डॉ खरे ने साल 2005-06 में NRI प्रोजेक्ट के तहत जयपुर में अपोलो एनिमल मेडिकल कॉलेज की स्थापना की।

यह कॉलेज 2012 तक सुचारू रूप से संचालित हो रहा था, लेकिन 2013 में दुल्हेराम मीणा व अन्य ने मिलकर अवैध रूप से ट्रस्ट में घुसकर उसे हड़पने का षड्यंत्र रच दिया, जिसको लेकर कानोता थाने में 166/2019 नंबर की FIR दर्ज है। इस मामले को प्रमाणित मानते हुए एसीबी ने 194/2020 दर्ज कर अनुसंधान किया, जिसमें 21 फरवरी 2022 को न्यायालय में चालान पेश कर दुल्हेराम मीणा, हर्षवर्धन मीणा, लाखन मीणा और गजानंद गुप्ता को दोषी माना।



डॉ खरे के अनुसार दुल्हेराम ने 482 के तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मुकदमे को निरस्त करने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने आरोपियों पर 35 करोड़ रूपयों के गबन का मामला पाया। कोर्ट एसीबी को निर्देश दिया कि इस मामले में ED और आयकर विभाग को शामिल कर दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करे। 

इसी मामले को लेकर दुल्हेराम समेत अन्य लोगों के ख़िलाफ़ 2022 में एक और मुकदमा बस्सी थाने में दर्ज हुआ, जिसमें भी आरोपियों के ख़िलाफ़ दोष सिद्ध पाया गया। इन सभी मामलों पर कार्यवाही करते हुए ACB ने ट्रस्ट के बैंक खाते सीज कर दिए। डॉ खरे का कहना है कि आरोपियों को अरेस्ट किए बिना ही एसीबी ने कुछ समय बाद बैंक खाते वापस चालू कर दिए। 



मंत्री मीणा का कहना है कि न्यायालय द्वारा कार्रवाई करने का आदेश देने के बाद भी एसीबी ने आरोपियों के खाते सुचारू कर ट्रस्ट से करोड़ों रुपए अपने निजी खातों में ट्रांसफ़र कर लिए। कॉलेज में इस समय भी करीब 500 विद्यार्थी पढ़ते हैं, जिनमें से करीब दो सौ विद्यार्थी ही प्रदेश के हैं, जबकि बाक़ी सभी विद्यार्थी राज्य से बाहर के हैं और उनसे मोटी फ़ीस वसूली जाती है। मंत्री का कहना है कि मामले को लेकर डॉ खरे पिछले दिनों उच्च अधिकारियों से मिले थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

शुक्रवार को मंत्री मीणा के साथ डॉ खरे ने एसीबी पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी करने और ट्रस्ट को बचाने की मांग की। उसके बाद वहीं पर धरने पर बैठ गए। उल्लेखनीय है कि इन दिनों सीएम भजनलाल शर्मा आगामी दिनों में आयोजित होने वाले “राइजिंग राजस्थान” कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इस बीच एनआरई के साथ इस तरह का प्रकरण सामने आना एसीबी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है। 

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