कांग्रेस 11 साल से सत्ता को तरस रही है। आजकल राहुल गांधी राजनीतिक नवाचार हो रहे हैं, कहा जा रहा है कि इसके पीछे विदेशी ताकतें हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की भी एक समय राहुल गांधी जैसे ही सियासी नवाचार कर चुके हैं। जिसमें मोटी विदेश फंडिंग होती थी। बाद में यूक्रेन की जनता ने जेलेंस्की को अपने जैसा समझा और बहुमत से राष्ट्रपति बना दिया। आज ढाई साल से यूक्रेन युद्ध से जूझ रहा है तो उसका सबसे बड़ा कारण जैलेंस्की की अदूरर्शिता ही है। राहुल गांधी भी पीएम बनने के लिए ऐसे ही सियासी नवाचार कर रहे हैं, जो कभी जेलेंस्की किया करते थे। इधर, हरियाणा में पहलवान बजरंग पूनियां और विनेश फोगाट ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली, इससे साबित हो गया है कि पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस की ही देन था। शनिवार को जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में किसान आदिवासी मजदूरों का सम्मेलन हो रहा है, जिसमें केवल कांग्रेसी विधायक—सासंद ही शामिल हो रहे हैं, मतलब इस सम्मेलन के पीछे भी कांग्रेस ही है। तमाम चीजों से साफ हो गया कि किसान आंदोलन कांग्रेस ही करवा रही है।
किसान आंदोलन कांग्रेस का ही है
Siyasi Bharat
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