राहुल गांधी की जाति और धर्म क्या है?



पार्लियामेंट का बजट सेशन समाप्त हो चुका है। अब बरसात के बाद मानसून सत्र आएगा। इस सेशन में बजट पेश किया गया, जिसको लेकर आंध्रप्रदेश और बिहार को अधिक बजट मिलने को लेकर विपक्ष द्वारा ओब्जेक्शन किया गया, तो साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए Historical स्पीच की भी खासकर कांग्रेसियों ने जमकर प्रसंशा की। 

उत्तर प्रदेश के एक तबके ने सपा नेता अखिलेश यादव की भी सोशल मीडिया पर तारीफ की है। ये दोनों ही नेता 'इंडिया' अलांइस के पार्ट हैं। यूपी में भाजपा को 34 सीट सीटें और सपा को 37 सीटें मिली हैं, तभी से अखिलेश यादव के पांव जमीन पर नहीं हैं। 

वो जब चाहें, जैसे चाहें हिंदूओं को टारगेट करने का काम कर रहे हैं। अयोध्या से जीतकर आए उनके सांसद को आगे बगल में बिठाना और फिर पूरे  संसद में यह साबित करने का प्रयास करना कि जिस राम मंदिर को बनाने के नाम पर भाजपा वोट मांग रही थी, वहां की जनता ने तो सपा को वोट दिया है। यह बात केवल दिखाने की नहीं है, बल्कि देश के 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान करने के रूप में बार बार बताई गई है।  

लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी, अखिलेश यादव और इंडिया अलाइंस के नेताओं ने खूब कि भाजपा की तीसरी बार सरकार बन गई तो हमारा संविधान खत्म कर देगी, दलितों का आरक्षण छीन लेगी, लोकतंत्र का गला घोंट देगी...साथ ही यह वादा भी किया कि देश के हर परिवार की एक महिला को 8500 रुपये मासिक खाते में दिए जाएंगे और जातिगत जनगणना करवाई जाएगी। हालांकि, न इंडिया अलाइंस की सरकार बनी और न ही रुपये देने की नौबत आई, न ही जाति जनगणना की स्थिति बनी। वैसे इस तरह का वादा पूरा करना संभव ही नहीं है। इन नेताओं ने हिंदुओं को जमकर बांटा, और मुसलमानों के एकमुश्त वोट ले लिए। 

हालांकि, फिर भी सरकार भाजपा की ही बनी, लेकिन जिस जीत की उम्मीद थी, वो पूरी नहीं हो पाई। जाति जनगणना का मुद्दा खूब उछाला गया, यहां तक कि इन दोनों नेताओं ने लोगों से जाति पूछ—पूछकर हिंदुओं को बांटने का पूरा प्रयास किया, जिसमें काफी हद तक सफल भी हो गए, और इसके चलते कांग्रेस को 99 सीटें मिल गईं। इसका फायदा यह हुआ कि 10 साल बाद लोकसभा में विपक्ष का नेता चुना गया, अन्यथा परंपरा के अनुसार लोकसभा का नेता भी कांग्रेस को नहीं मिल पा रहा था। 

इससे कांग्रेस को संजीवनी मिल गई तो राहुल गांधी को अनाप शनाप बोलने की आजादी। परिणाम यह हुआ कि राहुल गांधी ने संसद में जमकर झूठा बोला। अग्निवीर योजना से लेकर जाति गणना कराने  का दावा भी कर दिया। हिंदुओं के देवी देवताओं को लेकर भी बिना लिखी बातें बोलकर अपने समर्थकों को खुश करने का प्रयास किया, लेकिन पहली बार देखा गया कि संसद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठै व्यक्ति ने इस पद का बेजा फायदा उठाते हुए जमकर झूठ बोला। आरक्षण, अग्निवीर, संविधान, जातिगत जनगणना से लेकर हर बात को संसद में उठाया गया, लेकिन आंकड़े सच नहीं थे। 

इनका जवाब पीएम मोदी, अमित शाह से लेकर सांसद अनुराग ठाकुर ने बखूबी दिया। हालांकि, जितना पुरजोर इसका विरोध करना चाहिए था, उतना भाजपा नहीं कर पाई, जो पिछले कुछ बरसों से इस दल की कमजोरी बनती दिख रही है। सोशल मीडिया पर भाजपा इतनी कमजोर हो गई है कि विपक्षी दलों के झूठ का ठीक से खंडन भी नहीं कर पा रही है। बड़े नेताओं के भरोसे में भाजपा के नए नेता ब्रांड भी नहीं बन पा रहे हैं। सभी नेता मोदी, शाह, योगी के भरोसे बैठे हैं, जबकि किसी भी दल को अपनी तीन पीढ़ियां पहले से तैयार रखनी चाहिए।

संसद के बाहर राहुल गांधी और ​अखिलेश यादव ने लोगों से, यहां तक कि पत्रकारों से भी उनकी जाति पूछी, लेकिन जब संसद में अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी की जाति पूछी तो अखिलेश यादव तेश में आ गए। उन्होंने पुरजोर तरीके से इसका विरोध किया, लेकिन खुद अखिलेश यादव शायद भूल गए हैं कि वो खुद और राहुल गांधी आए दिन लोगों से जाति पूछकर राजनीति कर रहे हैं। वैसे तो किसी तरह यह विवाद संसद में शांत हो गया, लेकिन सवाल यह खड़ा ही रह गया कि जाति जनगणना की हूंकार भरने और बात बात पर लोगों से जाति पूछने वाले राहुल गांधी की जाति क्या है?

लोग सोशल मीडिया पर अक्सर सवाल पूछते हैं कि राहुल गांधी की जाति बार बार जाति जनगणना की बात करते हैं, लेकिन वो बताएं कि उनकी और धर्म कौनसा है? 27 नवंबर 2018 को जब राहुल गांधी पुष्कर आए थे, तब उन्होंने खुद को दत्तत्रेय कौल कश्मीरी ब्राहम्ण बताया था। राहुल गांधी ने तब यह भी दावा किया कि वो जनेउधारी ब्राहम्ण हैं, यानी वो ब्राहम्ण, जो खुद को सबसे उंचा बताया करता है। अब इसका जवाब समझने की कोशिश करते हैं कि राहुल गांधी की जाति और धर्म क्या है?

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू ब्रिटिश काल में प्रयागराज हाईकोर्ट में अंग्रेजी एडवोकेट थे। उन्होंने तब अंग्रेजी वकालत की थी, जब भारत में बहुत कम युवा अंग्रेजी पढ़े थे। बाद में उनको एक पुत्र और बेटियां हुईं। बेटे का नाम जवाहरलाल नेहरू था, जो स्वतंत्र भारत के पहले पीएम बने। मोतीलाल नेहरू खुद को दिल्ली का राज कौल ब्राह्मण बताते थे। इस तरह से जवाहर लाल नेहरू भी कौल ब्राहम्ण हुए। नेहरू के एक बेटी हुई, जिनका नाम इंदिरा गांधी था। इंदिरा गांधी की शादी फिरोज खान से हुई, जो एक पारसी थे। हालांकि, कुछ लोग उनको मुस्लिम भी बताते हैं। 

इंदिरा गांधी भी भारत की प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा गांधी के दो बेटे हुए, संजय गांधी और राजीव गांधी। राजीव गांधी की 1968 में इटली के रोमन कैथोलिक धर्म की सोनिया गांधी से हुआ। सोनिया गांधी का नाम नी माइनो था। बाद में जब राजीव गांधी से शादी हुई तो नाम बदलकर सोनिया गांधी रखा गया। सोनिया गांधी ने धर्म बदला या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। राजीव गांधी और सोनिया गांधी के दो बच्चे हुए, जिनका नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी है। प्रियंका गांधी की शादी रॉबर्ट वाड्रा से हुई है, जो एक ईसाई है। इसके बाद प्रियंका गांधी का नाम बदलकर प्रियंका गांधी वाड्रा हो गया है, जो वो खुद लिखती हैं। 

अब आप राहुल गांधी की जाति और धर्म को समझने का प्रयास किजिए। जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा की शादी फिरोज खान से हुई, लेकिन वो इंदिरा फिरोज खान बनने के बजाए इंदिरा गांधी बन गईं। जबकि गांधी शब्द से इनके परिवार का दूर दूर तक कोई रक्त संबंध नहीं था। मोहनदास करमचंद गांधी और जवाहरलाल नेहरू देश की आजादी की लड़ाई के समय एक साथ काम करते थे। राहुल गांधी के दादा, यानी फिरोज खान एक पारसी या मुस्लिम थे, लेकिन जब फिरोज खान और इंदिरा गांधी के बेटे हुए संजय और राजीव, तो दोनों गांधी हो गए।

इससे भी आगे चलकर एक और चमत्कार हुआ। पारसी या मुस्लिम पिता की संतान जब राजीव गांधी बन गए, और उनकी शादी एक रोमन ​कैथोलिक सोनिया से हुई तो उनकी होने वाली संतान गांधी हो गई, यानी ब्राहम्ण हो गइ। मतलब एक पारसी या मुस्लिम पिता और नेहरू मां की संतान राजीव गांधी हो गए और जब राजीव गांधी और कैथोलिक मां सोनिया से संतान हुई तो राहुल गांधी हो गई, जो खुद को कौल दत्तात्रेय ब्राहम्ण कहते हैं। कौल दत्तात्रेय ब्राहम्ण मोती लाल नेहरू थे और उनके बेटे जवाहर लाल नेहरू थे, लेकिन उनकी बेटी का पौता भी कौल दत्तात्रेय ब्राहम्ण है। बड़ा अजीब सा विषय है। जिसमें तीन चार धर्मों का मिश्रण होने के बाद भी पिता के नाना का गोत्र लगाया जा रहा है। 

इस पूरी कहानी से आप समझ ही गए होंगे कि राहुल गांधी की जाति और धर्म क्या है? और इसलिए राहुल गांधी हिंदुओं में जाति जनगणना करवाना चाहते हैं, ताकि जिस जाति की जनसंख्या अधिक है, उसको टारगेट किया जा सके। मुस्लिम पहले से ही उनके साथ हैं। जैसे ही दलित, आदिवासी और छोटी जातियों को तोड़ लिया जाएगा तो भाजपा को किला ढह जाएगा। यही सबसे बड़ी वजह है कि जाति जनगणना का नैरेटिव बनाया जा रहा है। हालांकि, इससे जातियों के बीच वैमनस्य बढ़ेगा, लेकिन राहुल गांधी को इससे क्या मतलब है? 

एक और ताजा डवलेपमेंट हुआ है। पूर्व सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वकील सुब्रम्ण्यम स्वामी ने तीन ट्वीट करके कहा है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में अपनी इनकम टैक्स रिटर्न भरी है, जिसमें उन्होंने खुद को 2003 से ही ब्रि​टेन का नागरिक बताया है। इसके बाद स्वामी ने यह भी आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी द्वारा ब्लैकमेल किए जाने के कारण पीएम नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार के सदस्यों पर तमाम तरह के आरोप लगने के बाद भी आज दिन तक सख्त एक्शन नहीं लिया है। देखिए सुब्रहम्ण्यम स्वामी लंबे समय से गांधी परिवार के खिलाफ केस लड़ रहे  हैं। उन्होंने नेशनल हैराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस कर रखा है, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी जमानत पर हैं। स्वामी कहते हैं कि दोनों को जमानत दिलाने का काम भी नरेंद्र मोदी ने ही कर रखा है, अन्यथा छोटे से छोटे मामले में भी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। 


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