करीब 40 करोड़ रुपये के बिल बकाया नहीं चुकाने के कारण दो दिन पहले आरसीए कार्यालय पर राजस्थान खेल परिषद ने ताला जड़ दिया था। दूसरी तरफ आरसीए की एजीएम में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसका पता चलते ही अपनी इज्जत बचाने के लिए अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया। करीब चार साल बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर बाहर हो गया है। संभावना है कि अब यहां पर राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम राठौड़ या चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह को आरसीए अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है।
पिछली सरकार के शुरुआती दिनों में कुछ जिला संघों को अयोग्य करके वैभव गहलोत को अध्यक्ष बनाया गया था। तब कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी भी चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन जिस जिला से अध्यक्ष थे, उसको अयोग्य घोषित कर चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। एक दिन पहले ही सूचना मिली थी कि खेल परिषद के द्वारा गलत तरीके से प्रवेश दिलाए गए बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, जोधपुर, टोंक, दौसा और बारां जिले को जांच कर बाहर करने का काम शुरू कर दिया गया है।
हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि आरसीए के ताला लगाने का कारण एमओयू समाप्त होना है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही सबसे पावरफुल खेल संघ को अपने कब्जे में लेने की लड़ाई शुरू हो चुकी थी, जिसके कारण ही अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा है। आरसीए अध्यक्ष के हटने के बाद अब 8 में से 7 जिलों की कार्यकारिणी भी बदलने की पूरी संभावना है।
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