डिजीटल भुगतान में भारत पहले स्थान पर है। विश्व का करीब 40 फीसदी डिजीटल पेमेंट अकेले भारत ही करता है। हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति से लेकर ओस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भी डिजीटल भुगतान की प्रक्रिया को देखा तो चकित रह गए। भारत सरकार तेजी से इस भुगतान प्रणाली को अपनाने पर जोर दे रही है। कभी दो हजार का नोट चलता था, उससे पहले एक हजार का नोट बंद हुआ और अब 500 रुपये के नोट का लेनदेन भी काफी कम हो चुका है।
ऐसे में आने वाले समय में यह भी बंद हो सकता है। कारण है डिजीटल भुगतान की प्रक्रिया का पांव पसारना। इस भुगतान से पारदर्शिता में बढ़ोतरी हुई है, तो इसके साथ ही आरबीआई के सामने बैंकिंग करने वाली संस्थाओं पर भी निगरानी रखने की समस्या बढ़ रही है। आरबीआई की सतर्कता के कारण हाल ही में डिजीटल प्लेटफॉर्म पेटीएम की अनियमिताओं पर नकेल कसने का काम किया गया है।
पेटीएम एक भारतीय ई-कॉमर्स शॉपिंग वेबसाइट है। इसकी स्थापना 2010 में विजय शेखर शर्मा ने वन97 कम्युनिकेशंस के तहत की थी। वन97 कम्यूनिकेशन इसकी स्वामित्व कंपनी है, जो प्रारम्भ में मोबाइल और DTH रिचार्ज किया करती थी। कम्पनी का मुख्यालय नोएडा में है। यह धीरे-धीरे बिजली के बिल, गैस बिल साथ ही साथ विभिन्न पोर्टल्स की रिचार्जिंग और बिल भुगतान प्रदान करने लगी।
पेटीएम उपयोग करना आज तकरीबन हर मोबाइल उपयोगकर्ता को आता है। छोटा सा बच्चा भी पेटीएम का उपयोग कर सकता है। अभी तक उपयोग करने की प्रक्रिया में पेटीएम ऐप ओपन करके प्रोफाइल ऑप्शन के द्वारा Payment Setting पर जाना होता है।
फिर UPI & Linked Bank Account ऑप्शन पर क्लिक करना होता है। इसके बाद Add Bank Account के माध्यम से अपना जो बैंक है, उसको सर्च करके लिंक करना हाता है। इतना करने के बाद आपका बैंक अकाउंट जुड़ जाता है।
अपने खाते से आप पेटीएम बैंक में पैसे एड कर सकते हैं। आप UPI PIN के द्वारा बैंक बैलेंस चेक कर सकते हैं। पेटीएम के लिए बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं है, इसके बिना भी वॉलेट के रुप में रखा जा सकता है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड दिसंबर 2023 में बैंकों के बीच शीर्ष यूपीआई लाभार्थी था। ग्राहकों ने दिसंबर में पेटीएम पेमेंट बैंक ऐप पर 16569 करोड़ रुपये से ज्यादा के 144 करोड़ से अधिक लेनदेन किए थे।
पेटीएम का भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट कारोबार भी पीपीबीएल के तहत आता है। पेटीएम एप सेवा बिजली-पानी, स्कूल, विश्वविद्यालय शुल्क, गैस का भुगतान, फास्ट टैग जैसे कई तरह के बिल भुगतान की सुविधा देती है।
यदि आपसे कोई पूछे कि डिजीटल ट्रांजेक्शन के लिए आपके मोबाइल में सबसे पहले कौनसा एप्प इंस्टॉल किया गया था। आपके सामने यह प्रश्न आते ही सबसे पहला नाम पेटीएम का आता है। किंतु अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इसी पेटीएम का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इसके कारण फिनटेक जगत में अभी भूचाल आया हुआ है। पेटीएम के ऊपर रिजर्व बैंक के हालिया एक्शन के बाद फिनटेक की पूरी दुनिया सवालों के घेरे में है। इसके कारण पेटीएम की पैरेंटल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर गिर रहे हैं, दूसरी ओर बड़ी संख्या में यूजर भी पेटीएम से दूर हो रहे हैं।
आरबीआई के एक्शन के कारण खोजने पर पता चलता है कि वित्तीय लेनदेने में पेटीएम गड़बड़ी कर रहा था। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट बताती है कि वन97 कम्युनिकेशंस की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक में अकाउंट केवाईसी को लेकर गड़बड़ियां की जा रही थीं।
एक मामले में पाया गया कि एक ही पैन नंबर से एक हजार से ज्यादा अकाउंट लिंक किए गए थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में डोरमेंट यानी निष्क्रिय अकाउंट भी पाए गए। यहीं से आरबीआई की नजर टेढ़ी हुई, जिसकी परिणति पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऊपर 31 जनवरी को लिए गए कठोर एक्शन के रूप में हुई।
रिजर्व बैंक ने पेटीएम की बैंकिंग यूनिट को नए ग्राहक जोड़ने और क्रेडिट बिजनेस से तत्काल रोक दी है। पेटीएम वॉलेट से जुड़ी कई सर्विसेज को 29 फरवरी के बाद बंद करने के लिए कहा गया है। 29 फरवरी के बाद ग्राहक पेटीएम वॉलेट में पैसे ऐड नहीं कर पाएंगे।
इससे पेटीएम फास्टैग जैसी पेटीएम पेमेंट्स की कई सर्विसेज प्रभावित होने वाली हैं। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक का बैंकिंग लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है। आरबीआई के एक्शन के बाद अब पेटीएम के ऊपर ईडी की जांच की तलवार लटक रही है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो पेटीएम पेमेंट्स में हजारों अकाउंट बिना प्रॉपर आइडेंटिफिकेशन के ओपन कर दिए गए थे। इन अकाउंट की सही से केवाईसी नहीं हुई थी, लेकिन ट्रांजेक्शन करोड़ों रुपये की वैल्यू में किए गए थे।
इससे मनी लॉन्ड्रिंग, यानी पैसों के हेरफेर का संदेह उठ रहा है। बड़ी संख्या में निष्क्रिय अकाउंट और एक ही पैन से लिंक हजारों अकाउंट पाए जाने से मुसीबतें बढ़ी हैं।
वेरिफिकेशन के दौरान रिजर्व बैंक और ऑडिटर्स ने पाया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के द्वारा सौंपे गए अनुपालन में गलतियां थीं। रिजर्व बैंक को कंपनी में गवर्नेंस को लेकर भी गड़बड़ियां मिली हैं। खासकर पेटीएम पेमेंट्स बैंक और पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के बीच संबंधों को लेकर गवर्नेंस से जुड़ी खामियां पाई गई हैं।
आरबीआई ने अपनी जांच में मिले नतीजों को ईडी के अलावा गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ भी साझा किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने आदेश में कहा- 11 मार्च 2022 को बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के 35ए नियम के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक न जोड़ने के निर्देश दिए गए थे।
अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक 29 फरवरी के बाद अपने सेविंग-करंट अकाउंट, वॉलेट और फास्टैग में बैलेंस जमा नहीं कर सकेंगे। 15 मार्च तक पेटीएम को अपने नोडल अकाउंट सेटल करने होंगे।
रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद पेटीएम के शेयरों में 50 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। 31 जनवरी को देर शाम एक्शन की जानकारी सामने आने के बाद लगातार दो दिन शेयरों के भाव पर 20-20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा।
उसके बाद स्टॉक एक्सचेंज ने सर्किट लिमिट को 10 फीसदी घटा दिया तो सोमवार को 10 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया। अब तक करीब 36 फीसदी शेयर टूट चुके हैं। 31 जनवरी को पेटीएम शेयर 763.15 रुपये पर रहा था, जो आज करीब 450 रुपये तक पहुंच चुका है।
हर व्यक्ति को शंका यही हो रही है कि क्या पेटीएम बंद हो जाएगा? क्या पेटीएम से 29 फरवरी के बाद कोई लेनदेन नहीं होगा? पेटीएम मुख्य रूप से पेमेंट, मर्चेंट और फाइनेंशियल सर्विस तीन तरह की सेवाएं देता है। इसमें से पेमेंट सेवा जारी रहेगी, बाकी दो सेवाएं 29 तारीख के बाद बंद हो जाएंगी।
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड और इसकी सर्विसेज पर रोक लगाई है। पीपीबीएल डिजिटल बैंकिंग सर्विस उपलब्ध कराता है। इसमें सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट और सहयोगी बैंकों के साथ मिलकर फिक्स्ड डिपॉजिट की सर्विस देता है। पेटीएम अपनी ज्यादातर सर्विस जैसे वॉलेट, यूपीआई, फास्टैग इसी बैंक के जरिए देता है।
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