अशोक गहलोत ने फरवरी 2022 में बजट के अंदर ही राज्य की 1.40 करोड़ महिलाओं को मोबाइल फोन देने की घोषणा की थी। एक साल बाद फिर बजट पेश किया, लेकिन उस योजना का जिक्र नहीं किया गया। बाद में बताया गया कि चिप आयात की कमी के कारण कोई भी कंपनी इतने फोन देने को तैयार नहीं है, जबकि बाजार में एक करोड़ नहीं, बल्कि 10 करोड़ फोन दुकानों में भरे पड़े हैं। इसके बाद सरकार ने योजना को थोड़ा बदला, उसमें परिवर्तन कर फोन देने के बजाए पैसे देने का वादा किया। बाद में उसके चुनावी प्रभाव को देखते हुए आखिरी महीनों में नगद पैसों के जरिए मौके पर ही फोन खरीदने की बाध्यता के साथ योजना को शुरू कर दिया गया है।
पहले चरण में 40 लाख बच्चियों को मोबाइल फोन बांटे जा रहे हैं। अगले चरण में एक करोड़ महिलाओं को दिए जाएंगे। इस योजना के तहत लाभार्थी को पहले मोबाइल हैंडसेट और सिम सलेक्ट करनी होती है, उसके बाद उसके खाते में 6800 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। इसमें 6125 हैंडसेट के और 675 रुपये रिचार्ज के होते हैं। यदि मोबाइल हैंडसेट महंगा चुना जाता है तो बाकी पैसे लाभार्थी को खुद की जेब से देने होते हैं।
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