राजस्थान विधानसभा के चुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं। इसको लेकर भाजपा, कांग्रेस समेत सभी दल जोर शोर से तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस ने जहां अपने वॉर रूम में टिकटों को लेकर माथा पच्ची कर कर रही है, तो भाजपा ने तीन—तीन सर्वे कर उम्मीदवारों की तलाश करने की कोशिश की है। एक जिले के हिसाब से देखा जाए तो राजधानी वो जयपुर जिले में सर्वाधिक 19 सीटें हैं।
हालांकि, जयपुर के अब दो जिले कर दिए गये हैं, लेकिन उसका सीमांकन अलग तरह से किया है, इसमें विधानसभा सीटों का परिसीमन अलग भौगोलिक रूप लिए होता है। कांग्रेस के साथ ही भाजपा ने भी जयपुर की 19 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार कर ली है।
मजेदार बात यह है कि स्थापित और पूर्व मंत्री, विधायक इस सूची में काफी पिछड़ते दिखाई दे रहे हैं। गुजरात मॉडल पर सवार भाजपा ने कई नेताओं के टिकट काटने की ठान ली है। इसके चलते वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रहे विधायकों और पूर्व विधायकों को घर बैठना होगा। हालांकि, पार्टी ने इनके परिवार के लिए रास्ता रखा है। जिसके तहत कहा गया है कि एक परिवार से एक ही टिकट मिलेगा। इसका मतलब यह है कि पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, नरपत सिंह राजवी, राजपाल सिंह शेखावत जैसे नेताओं के बेटे, बेटी या बेटे के बहू को टिकट मिलने का रास्ता खुला रहेगा।
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