मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कथित तौर पर काले कारनामों की 'लाल डायरी' लेकर पहुंचे बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को कथित तौर पर संसदीय कार्य और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने लात मारी और सदन से बाहर निकाल दिया। गुढ़ा ने खुद सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए ये आरोप लगाए हैं।
अशोक गहलोत की उस लाल डायरी का राज क्या है?
इससे पहले प्रश्नकाल के बाद जीरो हॉवर में जैसे स्थगन प्रस्ताव पर रालोपा विधायक नारायण बेनीवाल बोलने को खड़े हुए, वैसे ही राजेंद्र गुढ़ा हाथ में एक लाल रंग की डायरी हाथ में लेकर विधानसभा अध्यक्ष की डायस के पास पहुंच गये। अध्यक्ष सीपी जोशी ने गुढ़ा को खूब समझाया, लेकिन वह नहीं माने। इस दौरान जोशी ने धरीवाल को कहा कि गुढ़ा को विधानसभा से बाहर निकालने का प्रस्ताव रखने को कहा, लेकिन उससे पहले ही धारीवाल और गुढ़ा आपस में भिड़ गये।
इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई हो गई। गुढ़ा का कहना है कि उनको रफीक खान ने पकड़ लिया और इस दौरान धारीवाल ने उनको लात मारी। इसके बाद सीपी जोशी के कहने पर मार्शल्स ने गुढ़ा को विधानसभा से बाहर निकाल दिया। सदन के बाद गुढ़ा ने पत्रकारों से बात करते हुए कई गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि उनके हाथ में जो कागज थे, वो मंत्रियों और विधायकों ने छीन लिए। साथ ही यह भी कहा कि उनके पास डायरी की असली कॉपी है, जिसको लेकर खुलासे करेंगे।
दरअसल, शुक्रवार को महिला अपराध को लेकर अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस मणिपुर मामले में आरोप लगाने से पहले राजस्थान में महिला अपराध को लेकर अपनी गिरेहबान में झांकने की जरुरत है। जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने शाम को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद से ही गुढ़ा सरकार के उपर हमलावर हो रहे हैं।
लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे राजेद्र गुढ़ा, धारीवाल ने लात मारकर बाहर निकाला!
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