Ram Gopal Jat
भारत ने आखिरकार चीन को पछाड़ ही दिया है। भारत के लोगों की दिनरात की मेहनत के बाद अंतत: चीन दुनिया का दूसरे नंबर का देश बन गया, जबकि भारत पहले नंबर पर पहुंच गया है। कई दशकों तक सर्वाधिक आबादी के साथ दुनिया में सिरमौर रहा चीन आज भारत के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो गया। भारत की जनसंख्या अधिकारिक तौर पर अब 142 करोड़ से अधिक के साथ ही दुनिया में सबसे ज्यादा हो गई है। जबकि चीन की आबादी 141 करोड़ के करीब है। हालांकि, यह माना जाता है कि तीन महीने पहले ही भारत आगे निकल गया था, लेकिन इसके अधिकारिक आंकड़े अब जारी किये गये हैं। चीन के द्वारा 1981 में वन चाइल्ड पॉलिसी लागू की गई थी, जिसे 2021 में वापस ले लिया गया, लेकिन इसका परिणाम यह हुआ है कि चीन की आबादी अब कम होने लगी है। भारत की आबादी 142.86 करोड़ है, जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है।
दूसरी तरफ भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी एप्पल ने अपना अधिकारिक स्टोर खोल दिया है। पाकिस्तानी ट्वीटर हैंडलर्स ने अपनी सरकार पर तंज करते हुये लिखा है कि पाकिस्तान की राजधानी से 1300 किलोमीटर दूर मुंबई में पाकिस्तान का पहला एप्पल स्टोर खुलने पर देश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं देना बनता है। इसके साथ ही कुछ और ने मुंबई के एप्पल स्टोर और पाकिस्तान के एप्पल बेचते थड़ी वाले की फोटो शेयर कर लिखा है कि भारत और पाकिस्तान में एक साथ एप्पल स्टोर खुले हैं, लेकिन भारत वाले इतरा रहे हैं, पाकिस्तान वाले जरा भी घमंड नहीं कर रहे हैं। पाकिस्तान के कई लोगों ने तंजभरे लहजे में भारत पाकिस्तान की तुलना कर अपनी सरकार को आइना दिखाया है।
दरअसल, मंगलवार को दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक ऐप्पल का भारत में पहला ऑफिशियल स्टोर मुंबई में खुला है, जिसका उद्घाटन खुद कंपनी के सीईओ टिम कुक ने किया है। कंपनी के शानदार डिवाइसेज़ आईफोन, आईपैड, आईमैक और आईपॉड को लोग दुनियाभर में काफी पसंद करते हैं। आईफोन दुनियाभर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले स्मार्टफोन्स में से है। भारत में भी ऐप्पल प्रोडक्ट्स का ज़बरदस्त क्रेज़ है। हाल ही में ऐप्पल को भारत में अपने उत्पादन बेचते हुये 25 साल पूरे हो गए हैं। इसी मौके पर देश में ऐप्पल का पहला ऑफिशियल स्टोर ओपन किया गया है। पिछले कुछ दिनों से इस ऐप्पल स्टोर के लिए लोगों में ज़बरदस्त उत्साह है और 18 अप्रैल को इसकी शुरुआत हो गई है। भारत में ऐप्पल का दूसर ऑफिशियल स्टोर 20 अप्रैल को राजधानी दिल्ली के साकेत में खुलेगा।
सवाल यह उठता है कि पहले से मौजूद एप्पल स्टोर और अब खुल रहे एप्पल स्टोर में क्या अंतर है? अब से पहले भारत के अधिकांश बड़े शहरों में आपको एप्पल के उत्पादन बेचने वाले स्टोर मिल जायेंगे, जो निजी स्तर पर खोले जाते हैं। यहां पर मिलते तो एप्पल के उत्पाद ही हैं, लेकिन ना तो सभी तरह के हर समय उपलब्ध होते हैं और ना ही सर्विस में गुणवत्ता होती है। इसके साथ ही एप्पल के स्टोर पर जहां खुद एप्पल के प्रशिक्षित कर्मचारी होते हैं, तो पहले से मौजूद स्टोर्स पर निजी कंपनियों के कर्मचारी काम करते हैं, जिनको पूरी जानकारी नहीं होती है। इसी तरह से एप्पल के खुद के स्टोर पर उसी दिन उत्पाद मिलना शुरू हो जाता है, जिस दिन कंपनी प्रोडेक्ट लॉन्च करती है। कई बार अपने सुना होगा कि एप्पल ने आईफोन लॉन्च किया है, लेकिन भारत में उसको उपलब्ध होने में एक महीना या उससे भी अधिक समय लग जाता है। एप्पल स्टोर खुलने के बाद अब ग्राहकों को एक दिन का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ऐप्पल भारतीय मार्केट में काफी ज़्यादा स्कोप देखती है। कंपनी निर्माण और उत्पादन के लिए भारत को हब बनाना चाहती है। ऐसे में भारत में दो ऑफिशियल स्टोर खोलना ऐप्पल के इसी प्लान का हिस्सा है। इससे पहले भारत में एप्पल का प्रोडेक्शन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बीते वित्त वर्ष एप्प्ल ने भारत में 27 हजार करोड़ से अधिक के आईफोन का निर्यात किया है। उससे पहले साल 2022—23 में कंपनी ने 10 हजार करोड़ से अधिक आईफोन निर्यात किये थे। अगले दो साल के भीतर कंपनी भारत में दुनिया के अपने 25 फीसदी उत्पाद भारत में बनाना चाहती है।
यही वजह है कि एप्पल मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े भारतीय शहरों में एक्सक्लूसिव स्टोर खोलकर बड़ा दांव लगा रही है। आने वाले दो साल के दौरान कंपनी भारत के कम से कम 10 शहरों में इस तरह के स्टोर खोलने की योजना बना रही है। एप्पल के CEO टिम कुक का फोकस भारतीय बाजार पर शिफ्ट होने का संकेत है। ऐसे समय में जब विकसित बाजारों में एप्पल की बिक्री सुस्त पड़ रही है, तब कंपनी भारत में चीन जैसी सफलता दोहराना चाहती है। दरअसल, कंपनी ने चीन में दुनिया का सबसे अधिक निर्माण किया है और बीते एक दशक में वहां पर काफी उत्पाद बेचे हैं। अब चीन की आबादी में कमी होने लगी है, जहां पर मार्केट कम होने के संकेत मिल रहे हैं। भारत आज की तारीख में 142 करोड़ जनसंख्या के साथ दुनिया सबसे बड़ा देश है, जहां पर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय स्मार्टफोन मार्केट तेजी से प्रीमियम सेगमेंट की तरफ शिफ्ट हो रहा है। देश में बिकने वाले हैंडसेट्स में 30 हजार रुपए से ज्यादा कीमत के फोन की हिस्सेदारी अभी करीब 10 फीसदी है, जबकि कोविड से पहले ये चार प्रतिशत थी। इसके कारण एप्पल भारत में अपने लिये बड़ा बाजार देख रही है।
स्मार्टफोन कंपनियों की कुल आय में प्रीमियम हैंडसेट्स की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत हो गई है, इसीलिए एप्पल भारतीय बाजार में अपनी पैठ बढ़ा रही है। वैसे भी वर्ष 2022 में प्रीमियम फोन में एप्पल की भारत के बाजार में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 60 प्रतिशत रही। इस बाजार में सैमसंग की हिस्सेदारी 21% रही। एप्पल टाइमिंग का हमेशा ध्यान रखती है। किसी भी बाजार पर फोकस करने लिए कंपनी सही समय का अंदाजा लगाती है। अब उसे लग रहा है कि भारतीय बाजार में संभावनाओं का फायदा उठाने का ये सही समय है। साल 2022 में भारत के स्मार्टफोन बाजार में एपल की हिस्सेदारी करीब 6% हो गई, जो 2020 में 2% थी।
आईडीसी इंडिया की रिसर्च के अनुसार 2022 के दौरान भारत में स्मार्टफोन की औसत बिक्री कीमत 46% बढ़कर रिकॉर्ड 18 हजार रुपए से ऊपर निकल गई, लेकिन इस दौरान एंट्री लेवल, जिसको 12 हजार से कम दाम के माना जाता है, उनकी स्मार्टफोन में बाजार हिस्सेदारी घटकर 46% रह गई, जो 2021 में 54% थी।
कोरोना के बाद दुनिया की कई कंपनियों ने चीन छोड़कर भारत की तरफ रुख किया है। इसी में एप्पल भी एक है। कंपनी के लिये उत्पादन करने वाली फॉक्सकॉन ने भारत में निर्माण तेज कर दिया है। कंपनी का टारगेट है कि अगले दो साल में दुनिया के 25 फीसदी उत्पादन भारत में करने और निर्यात करने का लक्ष्य है। इसका भारत को दोहरा लाभ होगा। एक तो एप्पल के उत्पाद भारत में बनने से आयात शुल्क नहीं लगेगा, दूसरा चीन और भारत का कारोबारी घाटा कम करने में मदद मिलेगी। इसी बीच पाकिस्तान में जबरदस्त माहोल है। पाकिस्तानी लोग ट्वीट करके बता रहे हैं कि जिन्ना की टू नेशन थ्योरी से उपजा पाकिस्तान आज थड़ी ठैलों पर एप्पल के स्टोर खोल रहा है और उसके दूसरे दिन आजाद हुआ भारत दुनिया के नंबर एक गेजेट ब्रांड के शॉ रुम खोल रहा है। पाकिस्तानी बुद्धिजीवी तबके का दर्द देखते ही बनता है, जो खुद को भारत के बराबर होने का दावा करता है, लेकिन कुछ ट्वीट पाकिस्तानियों की मानसिक हालत और देश के आर्थिक हालात को बयां कर देते हैं।
असल में एप्पल दुनिया में अब तक 551 स्टो खोल चुका है। दिल्ली में खुलने वाला स्टोर 552 नंबर का होगा। एप्पल उसी देश में अपने स्टोर खोलता है, जहां पर उसके उत्पादन बिकने के चांस होते हैं। भारत की सरकार द्वारा लंबे समय तक देश के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण दुनिया के सबसे बड़े आबादी वाले देश में इतना देरी से एप्प्ल स्टोर खुला है। फिर भी अमेरिका, यूरोप, चीन जैसे देशों के बाद भारत में एप्पल स्टोर का खुलना पाकिस्तान जैसे देशों के लिये दर्द का कारण तो है ही, साथ ही चीन के लिये खतरे की घंटी है, जहां अब तक सबसे अधिक उत्पादन हो रहा है।
भारत सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने दुनिया की बड़ी कंपनियों ने यहां पर अपना निर्माण शुरू किया है। एप्पल का उप्पादन और यही पर स्टोर खुलना इस बात का प्रमाण है कि भारत सरकार ने अपने दोनों अभियानों पर पूरा फॉकस कर रखा है। अभी तक यदि कोई व्यक्ति अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई जैसे देशों से एप्पल का उत्पाद खरीदकर लाता है, तो उसको सस्ता मिलता है। भारत में निर्माण होने के कारण अब भारत वालों को यहीं पर सस्ता फोन और आईपेड मिलने लगेगा, जिसके कारण भारत का पैसा विदेश नहीं जायेगा। यह गतिविधि भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद करेगी।
भारत ने चीन को पछाड़ा, क्या पाकिस्तान में खुला पहला एप्पल स्टोर?
Siyasi Bharat
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