Ram Gopal Jat
आपको याद होगा साल 2016 का वह दिन, जब रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी पर आकर अचानक घोषणा की थी कि आज रात 12 बजे से 1000 और 500 के सभी नोट बंद हो जायेंगे, इनको कोई भी काम नहीं ले सकेगा! उसके बाद देश ने अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक त्रासदी का दौर देखा, जब घंटों लाइनों में लगकर लोगों ने अपने पुराने नोट बदलवाये थे। इस बात को पूरे 6 साल हो चुके हैं, लेकिन लोगों को भयानक परेशान करने वाले समय के बारे में आज भी बातें करते हुये देखा जा सकता है।
अधिकांश लोगों को आज दिन तक भी समझ नहीं आया कि आखिर मोदी सरकार ने अचानक से इतना बड़ा फैसला लेकर नोटबंदी क्यों की? आखिर क्या वजह थी कि करोड़ों की मात्रा में छपे हुये नोटों को अचानक रद्दी की टोकरी में क्यों डाल दिया गया? आखिर क्या कारण था, जो सरकार ने इतना बड़ा निर्णय लेकर देश को असमजश की स्थिति में डाल दिया था। हालांकि, सरकार का पक्ष रखने वाले लोगों का मानना है कि बड़े पैमाने पर 1000 और 500 के नोट लोगों ने काले धन के रुप में जमा कर रखे थे, जिनको बाहर निकालने के लिये यह फैसला लेना पड़ा था।
देश में लोगों ने अपने नोट सारे पुराने बदलवाये, तब जाकर राहत की सांस ली। उस ऐतिहासिक नोटबंदी के तो केवल दो प्रकार के नोटों को ही बंद किया था, लेकिन अब मोदी सरकार परमानेंट नोटबंदी करने जा रही है, यानी सभी तरह के नोट बंद कर दिये जायेंगे। सरकार ऐसा कदम उठाने जा रही है, जिसके पहले चरण की शुरुआत पिछले महीने की एक तरीख को हो चुकी थी, और उसके अगले कदम के तौर पर एक दिसंबर, यानी गुरुवार से दूसरा चरण शुरू हो गया है। सरकार तीन चरणों में इस मिशन को अंजाम देने जा रही है। इसके बाद देश में सभी प्रकार के नोट पूरी तरह से बंद हो जायेंगे।
आखिर क्यों सरकार पूरी तरह से नोटबंदी कर रही है? जनता को इसका क्या फायदा होगा और कितने बड़े स्तर पर नुकसान होने वाला है? सवाल यह भी उठता है कि यदि नोट पूरी तरह से बंद हो जायेंगे, तो फिर नागरिक लेनदेन कैसे करेंगे? और क्या यह बात बिलकुल सत्य है कि सरकार नोटबंद करके देश चला सकती है? क्या होगा विकल्प और किस तरह लागू किया जा रहा है इस नई नोटबंदी का निर्णय? आईये पूरी कहानी को समझने का प्रयास करते हैं....
भारत सरकार के इस निर्णय के बाद आपकी कैश साथ रखने की टेंशन दूर हो जायेगी। जब से डिजिटल ट्रांजेक्शन शुरू हुआ है, अधिकतर लोगों ने कैश रखना वैसे भी काफी हद तक बंद कर दिया है। जिन लोगों को BHIM UPI, Paytm जैसे ऐप्स का इस्तेमाल नहीं करना आता था, आज की तारीख में वो सभी इन मोबादल ऐप्स के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शंस लेनदेन कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर से रिटेल डिजिटल रुपी, यानी आभासी रुपया लॉन्च का ऐलान कर दिया है, जो रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट है। RBI के मुताबिक, रिटेल के लिए डिजिटल रुपी के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इसके डिस्ट्रीब्यूशन और इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया की टेस्टिंग होगी। यह इस नोटंबदी या नई करंसी का दूसरा चरण है।
RBI ने इस Digital Currency को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यानी CBDC नाम दिया है। यह बात तय है कि Digital Rupee का नाम सुनते ही आपके मन में सवाल चल रहे होंगे, कि आखिरकार डिजिटल रुपी क्या है? ये फोन पे, गूगल पे और पेटीएम से कैसे अलग है? पहले यह जान लेने हैं कि Digital Rupee और UPI, Paytm, फोन पे के बीच क्या अंतर है?
देशभर के कई लोग लेनदेन के लिए अब फोन पे, यूपीआई का ही इस्तेमाल करते है। इसका इस्तेमाल बच्चे से लेकर बुजुर्ग भी कर लेते हैं, क्योंकि इसका प्रोसेस इतना कठिन नहीं है। अगर हम बात करें कि डिजिटल रुपी यूपीआई से क्यों अलग है? असल में UPI को डिजिटल करेंसी नहीं कहा सकता है, क्योंकि UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया पैसा फिजिकल करेंसी के जरिए ही चलता है। इसका मतलब ये कि मौजूदा फिजिकल करेंसी के समकक्ष ही UPI Payment के लिए मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है।
UPI Payment डायरेक्ट बैंक अकाउंट टू बैंक अकाउंट होता है। Digital Rupee के लिए RBI ने कहा है कि पायलट प्रोजेक्ट में शामिल बैंकों के डिजिटल वॉलेट के माध्यम से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। UPI को अलग-अलग बैंक हैंडल करते हैं, जो कि RBI की निगरानी में काम करते हैं, लेकिन Digital Rupee को सीधा RBI की तरफ से ही ऑपरेट और मॉनिटर किया जाएगा। बाकी के बैंक इसके डिस्ट्रिब्यूशन में शामिल होंगे। यानी आरबीआई की यह नई करंसी है, जो हाथ में नहीं आयेगी, लेकिन उसी तरह का काम करेगी, जैसे आपके हाथ में रुपया होते है और वह करता है।
E-Rupee के बड़े फायदों की बात करें तो सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि ई रुपया भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार होगा। दूसरी बात यह है कि इसके बाद हमें जेब में कैश रखने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इससे मोबाइल वॉलेट की तरह गी पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी। डिजिट रुपया कौ बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे। विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी। ई रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा, जिसके कारण जिन क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच नहीं है, वहां पर भी यह सुविधा रहेगी। इसकी कीमत भी मौजूदा करेंसी के बराबर होगी।
अब सवाल यह उठता है कि Digital Rupee कैसे काम करेगा? दरअसल, जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में डिजिटल रूप में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं। कुछ ऐसे ही डिजिटल रुपी भी देख और रख सकेंगे। फर्क सिर्फ इतना है कि यह रुपया आपको जेब के बजाये आपको मोबाइल में होगा। डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाएगा। पहला होलसेल ट्रांजैक्शन, यानि बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत 1 नवंबर से हो चुकी है। इसको पहला चरण माना गया है। दूसरी लॉन्चिंग रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगी, जिसे एक दिसंबर से लॉन्च किया गया है। इसको दूसरा चरण कहा जा रहा है। CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा। पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा। आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे, उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी।
दरअसल, यूपीआई पेमेंट डायरेक्ट बैंक अकाउंट टू बैंक अकाउंट होता है। रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपये के लिए कहा है कि पायलट प्रोजेक्ट में शामिल बैंकों के डिजिटल वॉलेट के माध्यम से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अब क्या है कि UPI को अलग-अलग बैंक हैंडल करते हैं और ये बैंक रिजर्व बैंक की निगरानी में काम करते हैं. लेकिन आपके डिजिटल रुपये को सीधा रिजर्व बैंक द्वारा ही ऑपरेट और मॉनिटर किया जाएगा। बाकी के बैंक इसके डिस्ट्रिब्यूशन में शामिल होंगे, यानी इस पतंग की डोर RBI के हाथ में होगा।
Digital Rupee डिजिटल रुपये का लेनदेन पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट दोनों किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आपको किसी व्यापारी को पेमेंट करना है, तो आप उसके पास मौजूद QR कोड को स्कैन कर पेमेंट कर सकते हैं। तो सीधा ऐसे समझ लीजिए कि देश का अपना डिजिटल रुपया शुरू हो गया है, क्योंकि अभी तक हमारा ऑनलाइन पेमेंट फिजिकल करेंसी से ही चलता है।
CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप, यानी आभासी मुद्रा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल रुपया पेश करने का ऐलान किया था। जिसको अब लॉन्च कर दिया गया है। आज से यह सुविधा पांच बैंकों के साथ कुछ शहरों में शुरू हो रही है, जब ही इसको पूरे देश में शुरू कर दिया जायेगा। धीरे धीरे यह मुद्रा लोगों के लिये चलन में आ जायेगी, उसके बाद लोग जेब में नोट रखना नहीं चाहेंगे। इस तरह से सरकार को नोट छापने नहीं पड़ेंगे और फिर वर्तमान पूरी मुद्रा गुजरे जमाने की बात हो जायेगी। इस तरह से सरकार ने पूरी नोटबंदी की शुरुआत कर दी है
मोदी सरकार ने परमानेंट नोटबंदी कर दी है
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