Ram Gopal Jat
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार दुनिया के एक नंबर के नेता माने गये हैं। पीएम मोदी एक बार फिर दुनियाभर के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में टॉप पर बरकरार हैं। विश्व के शीर्ष नेताओं के बीच कराए गए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि ग्लोबल रेटिंग में आज भी दुनिया में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे लोकप्रिय नेता हैं। मॉर्निंग कंसल्ट सर्वे के मुताबिक दुनिया में सबसे अधिक 75 प्रतिशत लोगों की पसंद के साथ नरेन्द्र मोदी एक बार फिर वैश्विक रेटिंग में शीर्ष पर काबिज हैं।
इस सूची में पीएम मोदी के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर 63 फीसदी लोगों की पसंद के साथ दूसरी स्थान पर हैं और इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी 54 फीसदी रेटिंग के साथ तीसरे स्थान पर हैं। विश्व के सबसे बड़े 22 नेताओं में दुनिया की महाशक्ति कहे जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन 41 प्रतिशत रेटिंग के साथ पांचवें पायदान पर हैं। बाइडन के बाद कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो 39 फीसदी के साथ छठें और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 38 फीसदी के साथ सातवें स्थान पर हैं।
मोदी को दुनिया के 20 फीसदी लोगों ने नापसंद किया है, जबकि 5 प्रतिशत ने कुछ भी नहीं कहा है। जो बाइडन को 52 फीसदी लोग पसंद नहीं करते हैं। जस्टिन ट्रूडो को भी 52 प्रतिशत लोग नापसंद करते हैं। इस सूची में ब्रिटेन, चीन और रूस जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों को जगह नहीं मिल पाई है। चीन भले ही खुद को दूसरी सबसे बड़ी पॉवर कहता है, लेकिन जिनपिंग को दुनिया में कोई पसंद नहीं करता है। मार्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस इस समय आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, ब्राजील, जर्मनी, भारत, मैक्सिको, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं के बीच सर्वे कर रहा है। इससे पहले जनवरी 2022 और नवंबर 2021 में दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री मोदी टॉप पर थे।
यह सर्वे एजेंसी चुनावों, निर्वाचित अधिकारियों और मतदान के मुद्दों पर रीयल टाइम मतदान डेटा प्रदान करती है। मार्निंग कंसल्ट प्रतिदिन 20,000 से अधिक इंटरव्यू आयोजित करती है। हालांकि इस सर्वेक्षण में एक से चार प्रतिशत की कमी-बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। अमेरिका में औसतन करीब 45,000 लोगों से उनका विचार पूछा गया है। अन्य देशों में नमूने का आकार लगभग 500 से 5000 के बीच रहा है। सभी साक्षात्कार ऑनलाइन आयोजित किए जाते हैं। हर देश में उम्र, लिंग, क्षेत्र और कुछ देशों में आधिकारिक सरकारी स्रोतों के आधार पर सर्वेक्षणों को महत्व दिया जाता है। अमेरिका में सर्वेक्षणों को नस्ल और जातीयता के आधार पर भी महत्व दिया जाता है।
सवाल यह उठता है कि मोदी लगातार तीसरे साल इस तरह से विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता कैसे बन जाते हैं? आमतौर पर देखा जाता है कि जिस देश की जीडीपी, विकास की रफ्तार, भ्रष्टाचार में बड़ी कमी, जीवन जीने की प्रत्याशा से उस देश में खुशहाली की गणना की जाती है, लेकिन भारत में इस तरह की चीजों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी हर बार सबसे लोकप्रिय नेता बन जाते हैं।
यह पहली बार नहीं है, जब पीएम मोदी को सबसे लोकप्रिय नेता चुना गया है। इससे पहले मोदी ने मई 2020 में 84% वोटर्स के साथ लोकप्रियता की सूची में पहला स्थान हासिल किया था। सितंबर 2021 में, पीएम मोदी को फिर से सबसे चर्चित और लोकप्रिय नेता का दर्जा मिला था और इसी साल 13 से 19 जनवरी के सप्ताह में 71% लोगों की पसंद के साथ पीएम मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने थे।
मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस द्वारा जारी यह रिपोर्ट नवीनतम अनुमोदन रेटिंग 17 से 23 अगस्त 2022 तक इकट्ठे किए गए डेटा पर आधारित है। इस रिपोर्ट में दूसरे नंबर पर मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मेनुएल लोपेज ओब्राडोर रहे, जिन्हें 63% लोगों ने वोट किया। तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बेनेस रहे, जिन्हें 58% लोगों ने पसंद किया। मैक्सिको और ऑस्ट्रेलिया सबसे अच्छे देशों में माना जाता है, जहां पर लोगों का जीवन स्तर काफी अच्छा होता है। यह GLOBAL LEADER APPROVAL RATINGS प्रत्येक देश में 7 दिनों तक चलती है। इसमें व्यस्क नागरिकों से वोट कराए जाते हैं, जिसमें सैंपल अलग-अलग होते हैं।
इनको कलेक्ट किया जाता है, फिर सभी तरह के आंकड़ों को एक करके उसको औसत निकाला जाता है। आलोचकों द्वारा मोदी के बार बार लोकप्रिय नेता बनने के पीछे भारत की बड़ी आबादी की वोटिंग को भी जिम्मेदार बताया जाता है, लेकिन मॉर्निंग कंसल्ट के अनुसार किसी भी देश से वोट अधिक नहीं लिये जाते हैं, सभी देशों से समान वोट एकत्रित कर उसकी रैटिंग दी जाती है। यदि सर्वाधिक आबादी के हिसाब से वोटर्स होते तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहले स्थान पर आते और मोदी दूसरे स्थान पर रहते। यदि सूची अमीरी—गरीबी के आधार पर तय होती तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पहले स्थान पर आते, जबकि भारत के प्रधानमंत्री इस सूची में कम से कम 10वें नंबर पर रहते।
असल बात यह है कि मोदी की लोकप्रियता पूरे विश्व में बनी हुई है। यह सर्वे के आंकड़े ऐसे समय में जारी किये गये हैं, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के मशहूर न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी को भारत में लोकतंत्र खत्म करने का जिम्मेदार ठहराते हुये लेख प्रकाशित किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर हर बार सवाल उठते रहे हैं, इसलिये भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लोग भी उसकी रिपोर्टिंग पर विश्वास कम करते हैं।
यह वही अखबार है, जो लगातार भारत की मोदी सरकार के विरोध में खबरें प्रकाशित करता रहता है, जबकि पिछले दिनों दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर खबर प्रकाशित करके न्यूयॉर्क टाइम्स सवालों के घेरे में आ गया था। जिसके चलते उसको दूसरे दिन सफाई देनी पड़ी थी कि उसने पैसे लेकर खबर प्रकाशित नहीं की थी, फिर भी लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार विज्ञापनों पर देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई अखबारों पर करोड़ों रुपये खर्च करती है। इसी वजह से लोगों ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर पर भरोसा नहीं जताया है।
भारत और मोदी सरकार के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने वाला न्यूयॉर्क टाइम्स दुनिया का पहला अखबार नहीं है, बल्कि बीबीसी से लेकर वॉशिंगटन पोस्ट और चीन का ग्लोबल टाइम्स इस मामले में काफी कुख्यात हैं। भारत की बात की जाये तो अपनी रिपोर्टिंग को सबसे ईमानदार कहकर प्रचार करने वाला एनडीटीवी भी मोदी सरकार के खिलाफ खबरें प्लांड करने के लिये काफी मशहूर हो चुका है। इसके बाजवूद मोदी सरकार के कामकाज को जिस तरह से सराहना मिलती है, उससे साफ है कि दुनिया के चीन—पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि कई मीडिया समूह भी मोदी, भाजपा, आरएसएस के खिलाफ एक अभियान के तहत खबरें प्रकाशित करने का काम करते रहते हैं।
बावजूद इसके मोदी का बार बार विश्व में सबसे लोकप्रिय नेता बनना इस बात का प्रमाण है कि भारत की सरकार अच्छा काम तो कर ही रही है, साथ ही मोदी के खिलाफ फैलाया जाने वाला दुष्प्रचार भी गलत है।
प्रधामनंत्री मोदी लगातारी तीसरी बार कैसे बने दुनिया के एक नंबर नेता?
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