क़ितने भी बड़े पदों पर हों, रीट के दोषियों को बक्सा नहीं जाए, सख़्त सजा मिले: सचिन पायलट

सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को मुसीबत खड़ी कर दी है! Pilot's statement has created trouble for Gehlot!

https://youtu.be/xqEDZBUVG6k 

आम बजट आम आदमी के लिए निराशाजनक: पायलट

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रीट मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि चाहे कितने भी बड़े पदों पर बैठे हों, लेकिन उनका दोष मिले तो सख़्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो कि मामला सुर्ख़ियों से ग़ायब होते ही दोषियों को भूल जाएँ। 


सीधे तौर पर पायलट के इस बयान को अशोक गहलोत सरकार पर हमाला माना जा रहा है, जो प्रकरण को सीबीआई को सौंपने से बच रहे हैं।

 पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संसद में प्रस्तुत आम बजट आम आदमी के लिए पूरी तरह से निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि ‘‘महंगाई सहित-रोजगार रहित‘‘ इस बजट और जीडीपी से देश का युवा हताश और निराश हुआ है क्योंकि जीडीपी का अधिकतर हिस्सा पूंजीपतियों की जेब में जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि गरीबों, युवाओं और बेरोजगारों के लिए बजट में एक शब्द भी नहीं बोला गया। आजादी के अमृतकाल के नाम से 25 वर्षों का विजन पेश किया गया है, जबकि इस कार्यकाल के 3 वर्षों सहित पिछले 7 सालों की घोषणाओं का कोई हिसाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने पर 5 वर्षीय योजना को समाप्त कर दिया और अब 25 वर्षों का विजन दे रही है।

उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खरीद की गारंटी की घोषणा नहीं होने से किसानों में भारी निराशा है और यह 700 किसानों के बलिदान का अपमान है। 

कृषि के लिए बजट में कोई ठोस घोषणा नहीं है। पिछले साल एमएसपी खरीद पर 2.42 लाख करोड़ खर्च हुए जबकि इस साल 2.37 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।

 पायलट ने कहा कि चीन से खतरे को देखते हुए, रक्षा खर्च में कमी करना और 2014 की तुलना में इसका जीडीपी के 2.6 प्रतिशत से घटकर 2.2 प्रतिशत रह जाना बहुत ही चिंताजनक है। सवा लाख पदों को खाली रखकर सरकार देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है।

उन्होंने कहा कि 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा करने वाली सरकार ने बजट भाषण में 15 लाख नौकरी देने की सूचना दी है और अगले 5 साल में 60 लाख नई नौकरी का वादा किया है। सरकार की युवाओं और बेरोजगारों के साथ इससे बड़ी वादाखिलाफी हो नहीं सकती। वित्तीय घाटे के 6.8 प्रतिशत तक पहुंच जाना यह प्रमाणित करता है कि देश की अर्थव्यवस्था बहुत कठिन दौर से गुजर रही है और रिजर्व बैंक से लगातार नकदी छापकर काम चलाया जा रहा है। 


उन्होंने कहा कि मार्च 2014 में देश पर कर्ज 53 लाख करोड़ था जो अब 136 लाख करोड़ हो चुका है, भाजपा सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है।

 पायलट ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहरी परियोजना की घोषणा बजट में नहीं किया जाना प्रदेश की जनता के साथ भेदभावपूर्ण रवैया है। केन-बेतवा नदी लिंक के अलावा जिन 5 ड्राफ्ट डीपीआर की घोषणा की गई है उनमें राजस्थान की ईआरसीपी को शामिल न करके केंद्र सरकार ने अपने ही आश्वासन से मुंह मोड़ा है। 


उन्होंने कहा कि सरकार ने रिकॉर्ड जीएसटी को सुधरती अर्थव्यवस्था से जोड़कर अपनी पीठ थपथपाई है लेकिन वह भूल रही है कि बढ़े हुए जीएसटी का कारण वस्तुओं की बढ़ती कीमत है न कि बढ़ी हुई खपत।

उन्होंने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में राहत न देकर उनकी क्रय शक्ति पर कुठाराघात किया गया है। स्मार्ट सिटी की पिछली घोषणा पर अब तक क्या हुआ और आगे क्या करेंगे इस पर वित्त मंत्री ने चुप्पी साधी है। निजी निवेश, सार्वजनिक निवेश, विदेशी निवेश में लगातार कमी होना ये दर्शाता है कि विकास भी धीमी गति से चल रहा है।

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