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राजपूत समाज ने दिया एकता, शौर्य, संस्कारों का संदेश



-केसरिया हुई गुलाबी नगरी, जुटे लाखों क्षत्रिय, श्री क्षत्रिय युवक संघ ने पढाया एकता का पाठ।

श्रीक्षत्रिय युवक संघ की ओर से बुधवार को राजधानी में आयोजित हीरक जयन्ती समारोह में देशभर के राजपूत समाज के लोग एकत्र हुए। समारोह में वक्ताओं ने संघ के कार्यों के साथ ही समाज की एकता पर बल दिया। कार्यक्रम में लाखों की संख्या में राजपूत समाज के लोग केसरिया साफा और सफेद पहनकर शामिल हुए जिससे गुलाबी नगरी केसरी रंग में रंगी नजर आई। 

अन्य राज्यों के लोग भी हुए शामिल
समारोह में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात के अलावा दक्षिण भारत के कई राज्यों से एक साथ बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। 

वहीं समारोह की खास बता रही कि इसकी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी युवक संघ के स्वयंसेवकों ने संभाली तथा पुलिस सभास्थल के बाहर यातायात को ही नियंत्रित करती रही। कार्यक्रम में संघ के संस्थापक तनसिंह, भूतपूर्व संघप्रमुख आयुवानसिंह हुडील, नारायण सिंह रेड़ा के आडियो विजुअल के माध्यम से उनका जीवन परिचय बताया गया।  

संघ का कार्य चरित्र निर्माण: सरवडी 
प्रताप फाउण्डेशन के महावीरसिंह सरवड़ी ने संघ के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भूस्वामी आंदोलन, चौपासनी का मुद्दा, आरक्षण का विषय रहा या सामाजिक चेतना की कोई बात। क्षत्रिय युवक संघ लगातार संवैधानिक रूप से समाज के मुद्दों को सरकारों के सामने उठाता रहा है। संघ का कार्य और मुख्य उद्देश्य समाज के लोगों के चरित्र निर्माण का है।  

अनुशासन हमारी सफलता का परिणाम: चूडासमा
गुजरात के पूर्व मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ासमा ने कहा कि अक्टूबर 1957 से गुजरात में क्षत्रिय युवक संघ कार्य कर रहा है। बालक-बालिकाओं के शिविर लगाकर क्षत्रिय युवक संघ समाजोत्थान का काम किया जा रहा है। अनुशासन हमारी सफलता का प्रमाण है। क्षत्रिय युवक संघ ने यह साबित किया है कि अनुशासित समाज और सभ्य समाज की कल्पना साकार करने में संघ का बहुत बड़ा योगदान है।

केन्द्र सरकार करे ईडब्ल्युएस के नियमों में संशोधन: खाचरियावास
राज्य सरकार के केबीनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जो दूसरे के लिए लडऩे और मरने की ताकत रखे वही क्षत्रिय कहलाता है। हम राम और कृष्ण के सिद्धान्त पर चलने वाले होने चाहिए। 

राज्य सरकार ने आर्थिक आधार पर आरक्षण के नियमों में संशोधन किए हैं। ऐसे में अब केन्द्र सरकार भी इसके नियमों में संशोधन करे और अनारक्षित वर्ग को राहत दे। 

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर संघ ने समाज के लिए राजनीतिक पार्टियों से प्रभावी और संवैधानिक संवाद किया। इसी वजह से यह बड़ा काम मूर्त रूप ले सका। 

क्षत्रिय सुरक्षा का भाव देता है: राठौड
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि क्षत्रिय सुरक्षा का भाव देता है भय का नहीं। राजस्थान में पहला अहिंसक आंदोलन भूस्वामी आंदोलन तन सिंह के नेतृत्व में किया। उस आंदोलन ने समाज को एक नई दिशा दी। 

क्षत्रिय युवक संघ संस्कारों के निर्माण के लिए वर्षभर प्रयास करता हैं शिविर और शाखाओं के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण की बात करने वाले क्षत्रिय युवक संघ जैसा कोई संगठन नहीं है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण का कोई जनक है तो वह क्षत्रिय युवक संघ है।  

संस्कार निर्माण की पाठशाला चलती रहे: शेखावत
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने कहा कि क्षरण के प्रवाह के विपरीत समय में समाज में चरित्र निर्माण और संस्कारों के निर्माण के लिए काम कर रहे क्षत्रिय युवक संघ की स्तुति की जानी चाहिए।

 पूर्वजों के प्रेरक गुणों त्याग, बलिदान, तेज, शौर्य, धैर्य, धर्म, रक्षा व ईश्वरीय भाव को धारण करना चाहिए। ये गुण डीएनए के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते हैं। संघ इन संस्कारों को वातावरण देकर युवा पीढ़ी में पोषित करता है। संस्कार निर्माण की यह पाठशाला चलती रहनी चाहिए। 

संविधान का उल्लंघन ना करे समाज: रोलसाहबसर
संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर ने कहा कि भारत एक संविधान से चलता है उसका कभी भी उल्लंघन नहीं किया जाए। हमारे भीतर पवित्रता उत्पन्न करने के लिए श्रेष्ठ कर्म की आवश्यकता है। 

हम ईश्वर की बनाई चीजों से प्रभावित हो जाते हैं, जबकि हमें ईश्वर की ओर जाना चाहिए। वहीं संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बेण्या का बास ने कहा कि संघ की अभ्यासमयी सामूहिक संस्कारमयी कर्मप्रणाली है। 

ये हमें जीवन को आदर्श बनाने का मार्ग दिखाता है। आज जैसे को तैसे की परम्परा चल रही है जो हमारा आदर्श नहीं है। हमारा आदर्श राम का है जो सीता अपहरण पर मंदोदरी के अपहरण की बात नहीं करते, बल्कि रावण रूपी बुराई का वध करते हैं। 
 
वहीं महिला प्रवर्ग की प्रमुख और तनसिंहजी की सुपुत्री जागृति बा ने संघ से संस्कारों के माध्यम से पारीवारिक उन्नति का मार्ग दिखाने वाला कहा। बच्चे को जन्म देने से ही मातृत्व परिपूर्ण नहीं होता, बल्कि वह परिपूर्ण होता है संतानों को संस्कारयुक्त करने से।  

सामाजिक समरसता का उदाहरण
इस आयोजन में बड़ी संख्या में अन्य समाजों के लोग और प्रतिनिधि शामिल हुए। समारोह में सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने अपने शुभकामना संदेश भेजे। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,  सांसद रामचरण बोहरा, राजसमंद की सांसद दीयाकुमारी, गुजरात सरकार मंत्री प्रवीणसिंह वाघेला, ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी, जलदाय मंत्री महेश जोशी, श्रम मंत्री सुखराम विश्नोई, पूर्व मंत्री पुष्पेन्द्रसिंह राणावत, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर, विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या, बिहारीलाल विश्नोई, नरपतसिंह राजवी, मीना कंवर, गिर्राजसिंह मलिंगा, जोराराम कुमावत, अविनाश गहलोत, हम्मीरसिंह भायल, रूपाराम धानदे, रूपाराम मुरावतिया, पदमाराम मेघवाल, सुरेश रावत, अभिनेष महर्षि, छगनसिंह राजपुरोहित, पूर्व राज्यपाल वीपीसिंह बदनौर, पूर्व विधायक राजपालसिंह शेखावत, रणवीरसिंह गुढ़ा, रणधीरसिंह भींडर, बाबू सिंह राठौड़, मानसिंह किनसरिया, डॉ. मूलसिंह शेखावत, मनोज न्यांगली, राव राजेन्द्रसिंह, आरएसएस के रमेश अग्रवाल व हनुमानसिंह राठौड़, भाजपा के संगठन मंत्री चन्द्रशेखर, पूर्व विधायक घनश्याम तिवाड़ी, संत प्रतापपुरी महाराज, संत सामताराम महाराज, गोरखनाथ महाराज, पूर्व विधायक मानवेंद्रसिंह जसोल, विश्व हिन्दु परिषद के नरपतसिंह शेखावत, भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर,  करणी सेना के सुखदेवसिंह गोगामेड़ी, देवीसिंह शेखावत बानसूर, उपमहापौर पुनीत कर्नावट, मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमानसिंह खांगटा, राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष राजेश्वरसिंह, आईएएस राजेन्द्रसिंह, हनुमानसिंह, शक्तिसिंह, बहादुरसिंह शामिल हुए।

सीडीएस रावत सहित शहीदों को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरूआत प्रार्थना से हुई। ईश्वरीय वंदना के बाद 8 दिसम्बर को शहीद हुए जनरल बिपिन रावत और अन्य शहीदों के लिए मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। शिविर कार्यालय प्रमुख गजेन्द्रसिंह आउ ने संघ प्रमुख लक्ष्मणसिंह बेण्यांकाबास का लिखित वार्षिक संदेश पढ़कर सुनाया।

सडकों पर उमडा केसरिया जनसैलाब
समारोह में भाग लेने के लिए शहर से भी बडी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान खातीपुरा, वैशाली नगर, झोटवाडा, मुरलीपुरा, वीकेआई और विद्याधर नगर इलाके से लोग पैदल ही सभास्थल तक पहुंचे। लोगों की भारी भीड के कारण भवानी निकेतन कॉलेज के आसपास की सभी सड़कें भी केसरिया रंग में रंगी नजर आई और चारों और केसरिया साफे पहले लोग नजर आए। 

25 हजार वाहनों की पार्किंग भी फुल
कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए भवानी निकेतन कॉलेज के चारों ओर 12 गेट बनाए गए और वहीं अलग अलग स्थानों पर 25 हजार वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई। 

यह पार्किंग कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही भर गई तथा जयपुर तथा आसपास के क्षेत्र से आए लोगों ने अपने वाहन भवानी निकेतन के सामने कॉलोनियों में पार्क की। 
महिलाओ की जमकर भागीदारी
सभा में राजपूत समाज की महिलाओं की जमकर भागीदारी नजर आई। महिलाओं के लिए मुख्य मंच के सामने ही बडा ब्लॉक बनाया गया था। 

साथ ही सभी को केसरिया कपडों में आने के लिए कहा गया था ऐसे में महिलाएं भी केसरियां रंग में रंगी नजर आई और कार्यक्रम की शुरूआत में ही पूरा ब्लॉक भर गया। बाद में देरी से आने वाली महिलाओं को दूसरी दीर्घा में बिठाया गया। एक अनुमान के मुताबिक  सभा में 20 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई है। 

5 हजार स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्था
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संघ के 5 हजार से अधिक स्वयं सेवकों ने कार्य किया। इस दौरान भीड को व्यवस्थित रूप से बिठाने और वाहनों को पार्क करवाने के अलावा पानी की व्यवस्था में स्वयंसेवक लीन नजर आए। सभा में बुजुर्गों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई थी जिस पर बुजुर्गों को लाकर बिठाया गया। 

सफाई में जुटे कार्यकर्ता
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सभास्थल पर उसी समय साफ सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया। इसके लिए एक हजार कार्यकर्ताओं ने सभास्थल खाली होने के साथ ही सफाई अभियान शुरू कर दिया तथा जगह जगह से कचरे को एकत्र कर ढेर लगा दिया। शाम को बडे डंपर और अन्य वाहनों में भरकर कचरे को डंपिंग यार्ड में भेज दिया गया। 

शांति और अनुशासन का अनूठा संगम
समारोह में दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था लेकिन कार्यक्रम में शामिल हुए लोग पूरे अनुशासन में दिखाई दिए और शांति के साथ संघ नेताओं का संबोधन सुना। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस बल भी सभा स्थल से बाहर चला गया और बाहर यातायात व्यवस्था ही संभाली। 

पहली बार पूरी ट्रेन हुई बुक
समारोह के लिए जैसलमेर से 24 कोच की ट्रेन की बुकिंग करवाई गई जो आज सुबह जयपुर पहुंची और शाम को सभी लोगों को लेकर वापस रवाना हुई। इस ट्रेन के लिए रेलवे को 30 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इस रेल से जैसलमेर तथा अन्य शहरों के करीब दो हजार लोग जयपुर आए।  
लवाजमा की दुकानों पर उमडी भीड
सभा के लिए राजपूत समाज के लोगों से केसरिया साफा पहनकर आने की अपील की गई थी। ऐसे में सुबह से ही झोटवाडा और खातीपुरा इलाकें में लवाजमा की दुकानों पर लोगों की भीड उमडी। ऐसे में खातीपुरा बाजार में 11 बजे तक दुकानों पर केसरिया साफे ही समाप्त हो गए वहीं कई दुकानदार तो स्वयं ही दुकान बंद कर सभा में शामिल होने के लिए पहुंचे। 

सर्व समाज की रही भागीदारी
राजपूत समाज के महाकुंभ में सर्व समाज के लोगों की भागीदारी नजर आई। इसमें शामिल होने के लिए बाडमेर के सिवाना से तो एससी वर्ग की दो बसें भरकर लोग पहुंचे और कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा अन्य समाजों के प्रमुख भी सभा में पहुंच जिन्हें बैठने के लिए मंच पर जगह दी गई। 


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