आखिर क्यों सौंपी जयपुर की कमान गैर सरकारी कोऑर्डिनेटर के हाथ? किरोड़ी ने कहा, पूरी भाजपा प्रदर्शन के लिए तैयार।
जयपुर
सांसद किरोड़ी मीणा ने रीट पेपर लीक प्रकरण में सीधे तौर पर राजस्थान बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को सूत्रधार बताया है। मीणा ने आरोप लगाया है कि जारोली ने अपने मित्र को गैर सरकारी होने के बावजूद जयपुर में कोऑर्डिनेटर की कमान सौंप दी।
पेपर लीक प्रकरण में राज्य सरकार की भूमिका को भी मीणा ने संदिग्ध बताया है।
प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने कई दस्तावेज जाहिर करते हुए कहा कि बोर्ड अध्यक्ष की पूरी भूमिका संदिग्ध है।
उन्होंने बताया कि डॉ जारोली ने अपने मित्र प्रदीप पाराशर को जयपुर की कमान सौंपी थी। इन्हीं प्रदीप पाराशर ने अपने अधीन मौखिक रूप से 4 मित्र लोगों को और शामिल कर परीक्षा की जिम्मेदारी में लगा दिया। जारोली परीक्षा से 24 सितम्बर शुक्रवार के दिन लंबे समय तक पाराशर के साथ शिक्षा संकुल में ही थे।
मीणा ने आरोप लगाया कि मिलीभगत का स्तर यहां तक है रहा की जयपुर में ब्लैक लिस्टेड संस्था को भी सेंटर बना दिया गया। शिक्षा संकुल से जो पेपर भेजे गए हैं उनमें कुछ लिफाकों की सील खुली हुई भी पाई गई है।
डॉक्टर मीणा ने कहा कि सरकार पूरे प्रकरण से बचने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उनकी भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। उन्होंने सवाल उठाया की परीक्षा से 1 दिन पहले जयपुर में बड़ी संख्या में जारी हुए ब्रॉडबैंड कनेक्शनों को लेकर भी सरकार और एसओजी को जांच करवानी चाहिए।
डॉक्टर मीणा ने आरोप लगाया कि पेपर लीक प्रकरण में कई बड़े-बड़े लोगों के शामिल होने की संभावना है इसी कारण से एसओजी भी अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा पाएगी ऐसी आशंका है। इसीलिए वे सीबीआई की जांच की मांग कर रहे हैं।
डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इस आरोप को गलत करार दिया कि भाजपा प्रदेश प्रभारी ने डॉक्टर मीणा को डांट लगाई है। इस कारण से उन्होंने धरना समाप्त किया।
किरोड़ी मीणा ने कहा कि ऐसा आज तक नहीं हुआ कि किसी ने उन्हें डांट लगाई हो और वह चुप रह जाएं। अन्याय के खिलाफ खड़ा होना मेरा स्वभाव है। जहां भी गलत होता है मैं उसके खिलाफ खड़ा हो जाता हूं।
राज होता है तब भी, चाहे विपक्ष हो। किसी के डराने से मैं डरता नहीं हूं। इसकी मैंने राजनीतिक कीमत तक चुकाई है आगे भी चुकाता रहूंगा। पूरा राजस्थान इस बात का गवाह है। किसी ने मुझे ना तो डाटा है और किसी की वजह से धरना समाप्त किया।
डोटासरा उल जुलूल आरोप लगा देते हैं। डॉक्टर मीणा ने कहा कि वे डोटासरा को मिलकर तथ्य बताएंगे। रीट परीक्षा की विफलता को वे प्रतिष्ठा न बनाएं। बेरोजगारों की आवाज सुने। पेपर लीक प्रकरण में पूरी भाजपा प्रदर्शन करेगी। अरुण सिंह से मिलने वे खुद दिल्ली जाएंगे।
मीणा ने गोविंद सिंह डोटासरा पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके साथ आई बेरोजगारों की बेरोजगारों भीड़ पर भी सवाल ना उठाएं। पूरी जिंदगी भर उनका भीड़ से ही नाता रहा है। कल आप और प्रदेश के मुख्यमंत्री जो वर्चुअल में बैठे रहते हैं। कल के धरना प्रदर्शन में पूरी भीड़ जैसे वर्चुअल में ही बैठी हुई थी।
मुख्यमंत्री ने खुद बोला है। ऐसे में आप की ओर से मेरी भीड़ पर सवाल उठाना कहां जायज है? आपकी सरकार की हालत अब ब्लैक एंड व्हाइट टीवी की तरह हो गई है जिसे जनता पसंद नहीं कर रही है। आपकी पार्टी में सिर्फ एक ही नेता है जो कलर टीवी की तरह चल रहा है।
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