रामगोपाल जाट
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने वक्तव्य जारी कर कहा कि राजस्थान में कोरोना कुप्रबंधन के बाद अब डेंगू के प्रबंधन में भी राज्य सरकार के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
राज्य में एक ओर जानलेवा डेंगू बुखार चरम पर है और अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं होने के अभाव में नौनिहालों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा डेंगू-निमोनिया जैसे संकट के समय भी प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे छोड़कर 'राजनीतिक भ्रमण' में ज्यादा रूचि ले रहे हैं।
राठौड़ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले ही प्रदेश में डेंगू-निमोनिया जैसी बीमारियों के कारण प्रदेश के अस्पताल चिकित्सकीय कुप्रबंधन एवं सरकारी अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहे हैं और अस्पतालों में बेड, जांच मशीनों और अन्य आवश्यक संसाधनों का खतरा मंडराना चिंताजनक है।
राठौड़ ने कहा कि राजधानी जयपुर स्थित सरकारी जेके लोन अस्पताल में चिकित्सा विभाग के कुप्रबंधन के कारण सैकडों बेड कबाड़ में पड़े हुए हैं और वर्तमान में डेंगू-निमोनिया जैसी बीमारियों से निपटने की बजाय कोविड वार्ड की तैयारी की जा रही है यानि सरकार की अदूरदर्शिता आम मरीजों पर भारी पड़ रही है।
राठौड़ ने कहा कि बच्चों में डेंगू के केस अधिक होने के कारण सरकारी जेकेलोन अस्पताल में बेड होने के बावजूद एक ही बेड पर 2-3 बच्चों को भर्ती कर रखा है और अस्पताल में बेड सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की बढ़ोतरी नहीं होने के कारण डेंगू-निमोनिया से पीड़ित बच्चों को उनके परिजन दूसरे या निजी अस्पतालों में ले जाने को मजबूर हैं।
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में डेंगू लगातार अपने पांव पसार रहा है तथा सरकारी व निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने से चिकित्सा विभाग का सिस्टम हांफ रहा है।
चिकित्सा विभाग द्वारा ना तो प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है और ना ही मरीजों के सही आकंडे़ रखे जा रहे हैं। जिम्मेदार मंत्री ओर विभाग के अफसर महज सामान्य अपील कर खानापूर्ति में लगे हुए हैं।
राठौड़ ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेशवासियों ने सरकार की अव्यवस्थाओं का दर्द खूब सहा और अब डेंगू के बढ़ते कहर को रोकने में सरकार की नाकामी का दंश भी आमजन भुगतने को मजबूर है।
मेरी राज्य सरकार से मांग है कि डेंगू का प्रकोप और अधिक भयावह ना हो इसके लिए सरकार समय रहते विशेष रूप से सफाई अभियान चलाएं, जनता को प्रभावी ढंग से जागरूक करें और अस्पतालों में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करें।
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