इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दैनिक भास्कर समूह के विभिन्न ठिकानों पर दिनभर की छापेमारी


#Siyasibharat (राम गोपाल जाट)
देश के सबसे बड़े समाचार पत्र होने का दावा करने वाले दैनिक भास्कर समूह के देशभर के विभिन्न ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे पड़े। छापेमारी सुबह 5:00 बजे शुरू हुई और देर शाम तक चलती रही।

हालांकि, दैनिक भास्कर समूह की तरफ से उनके कर्मचारियों के माध्यम से दिनभर खुद को स्वतंत्र होने और पाठकों की मर्जी चलने का दावा करने के ट्वीट और पोस्ट लिखवाये गए।

आयकर विभाग के दिन भर चली छापेमारी के दौरान सबसे रोचक बात यह रही कि जयपुर, भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद समेत सभी ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने पहुंचकर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मचारियों और समूह के कर्मचारियों के मोबाइल छीन लिए, जो लोग अंदर से वह अंदर रह गए और जो बाहर थे उनको अंदर नहीं घुसने दिया।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई को लेकर देशभर के मीडिया समूह के द्वारा प्रतिक्रिया दी गई। केंद्र सरकार के खिलाफ रहने वाले मीडिया समूह दैनिक भास्कर के पक्ष में खड़े हो गए, तो दूसरी तरफ निष्पक्ष रूप से लिखने वाले समाचार पत्रों और टीवी चैनल्स के द्वारा कार्रवाई को जायज ठहराया गया।

इधर सोशल मीडिया पर भी दिनभर जमकर खिंचाई की गई। कुछ लोगों ने दैनिक भास्कर की खिंचाई की और कुछ नहीं मोदी सरकार के द्वारा कोरोना की विफलता को छुपाने के लिए दैनिक भास्कर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का विरोध किया।

कथित तौर पर बड़े पत्रकारों में शुमार रवीश कुमार, अजीत अंजुम, साक्षी सिंह जैसे लोगों के द्वारा दैनिक भास्कर के खिलाफ की गई कार्रवाई को अवैध  ठहराया गया। समझने वाली बात यह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई को लेकर यह कथित बड़े पत्रकार जज कैसे बन सकते हैं? इस बात को कैसे जायज ठहरा सकते हैं कि दैनिक भास्कर के द्वारा बड़े पैमाने पर इनकम टैक्स की चोरी नहीं की गई है?

दरअसल ये कथित बड़े पत्रकार हमेशा ही मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं जब भी इनको अवसर मिलता है केंद्र सरकार पर बरस पड़ते हैं। दैनिक भास्कर के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्यवाही के दौरान भी इनको मौका मिल गया और फिर इन्होंने केंद्र सरकार पर अपनी भड़ास निकाल दी।

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