राम गोपाल जाट
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को 31 महीने पूरे हुए हैं। इन 31 महीनों के दौरान सरकार के ऊपर जहां कई गंभीर आरोप लगे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के द्वारा चुनाव से पहले जारी किए गए अपने जन घोषणापत्र के वादों को पूरा करने के लिए बनाई गई कमेटी की आज की लंबी बैठक हुई।
बैठक में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही केंद्रीय घोषणापत्र कमेटी के अध्यक्ष और सरकार के मंत्री भी शामिल हुए। सरकार की इस बैठक के साथ ही विवाद भी शुरू हो गया।
लंबी बैठक चलने के बावजूद राज्य में वादों के मुताबिक अशोक गहलोत सरकार काम नहीं कर रही है। इसको लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने अशोक गहलोत सरकार पर एक के बाद एक कई सवाल दाग हैं।
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा कि सरकार की आधी उम्र बीत जाने के बाद कांग्रेस हाईकमान को अब जाकर अपने जन घोषणा पत्र की याद आई है।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस का जन घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है जिसमें जनता से झूठे वादे कर घोषणाओं का अंबार लगाया गया लेकिन इस दिशा में सरकार ढाई कोस भी नहीं चली। यह मिथ्या घोषणा पत्र ही कांग्रेस के पतन का कारण होगा।
राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार जनघोषणा पत्र में की गई अधिकतर घोषणाओं को पूरा करने का चाहे कितना भी दावा कर लें लेकिन जनता भली-भांति जानती है कि विगत ढ़ाई वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत होने के बाद भी धरातल पर इन घोषणाओं का क्रियान्वयन दूरबीन से भी देखो तो दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है।
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की जनता को अब पछतावा हो रहा है कि अपने वादों से यू-टर्न लेने में माहिर कांग्रेस पार्टी को हमने अपना कीमती वोट देकर गलती कर दी है उसे भविष्य में अब कभी नहीं दोहराएंगे।
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