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राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट कैंप के द्वारा बगावत के संकेत दे दिए गए हैं। इसको देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश की सीमाएं फिर से सील करने की तैयारी कर ली गई है।
प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में यह चर्चा आम हो गई है कि जब से सचिन पायलट कैंप के द्वारा बगावती तेवर दिखाए गए हैं, तब से राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश भर की सीमाओं को कोरोना के नाम पर फिर से सील करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
आपको बताते हैं कि पिछले वर्ष 13 जुलाई को सचिन पायलट कैम्प जब राजस्थान से निकलकर हरियाणा के मानेसर में चला गया था, उस दिन भी राज्य सरकार के द्वारा अचानक शाम को 5:00 बजे 2 घंटे के लिए प्रदेशभर की सीमाओं को सील कर दिया गया था।
बताया जाता है कि तब सचिन पायलट के साथ 45 विधायक मानेसर जाने वाले थे लेकिन अचानक प्रदेश की सीमाओं को सील करने के आदेश के कारण कईयों को रास्ते में रोक लिया गया। कुछ विधायकों को प्रदेश की सीमा के पास जाने से रोककर वापस अशोक गहलोत के कैंप में पहुंचा दिया गया।
क्योंकि सचिन पायलट के द्वारा एक दिन पहले ही एक अंग्रेजी अखबार के साथ बातचीत करते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार के साथ उनके समझौते को 10 माह पूरे हो चुके हैं, लेकिन जिन लोगों ने राज्य में कांग्रेस की सत्ता लाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया, उनको आज भी न्याय का इंतजार है।
सचिन पायलट कैंप का मानना है कि जब तक राज्य सरकार का विकेंद्रीकरण नहीं किया जाएगा, तब तक सत्ता चलाना इतना आसान नहीं है। पायलट कैंप के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी कह चुके हैं कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं है तो दूसरी तरफ अकेले चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग 9 कमेटियों में मेंबर बने हुए हैं।
सचिन पायलट कैंप की तमाम तरह की शिकायतों को दूर करने के लिए अगस्त 2020 के दौरान कांग्रेस आलाकमान के द्वारा तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया था। उस सुलह समिति के द्वारा अभी तक अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी गई है, जबकि एक मेंबर अहमद पटेल का निधन हो चुका है।
11 महीने बाद भी सचिन पायलट कैम्प की शिकायतों का निराकरण नहीं होने के कारण एक बार फिर से पायलट का कैंप बगावती सुर अख्तियार करता हुआ नजर आ रहा है, तो दूसरी तरफ राज्य सरकार के द्वारा उससे निपटने के लिए तमाम तरह की तैयारियों को अंजाम देना प्रारंभ कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत कैंप तेरे से बाड़ेबंदी में जा सकता है और प्रदेशभर की सीमाओं को सील करने का कार्य किया जा सकता है।
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