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गजेंद्र सिंह दिल्ली पुलिस मुख्यालय का तो महेश जोशी एसीबी का पता बता रहे हैं



Siyasi Bharat: जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करने के मामले में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा विधानसभा में मुख्य सचेतक और सीएम अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक महेश जोशी को पूछताछ के लिये नोटिस भेजे जाने के मामले में भाजपा—कांग्रेस नेता एक दूजे पर तीखे हमले कर रहे हैं।


एक दिन पहले ही भीलवाड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि उनको जिला एसपी, स्थानीय पुलिस प्रॉटोकॉल दे रही है, राजस्थान की पुलिस सुरक्षा दे रही है, जबकि जोशी उनको भगोड़ा कह रहे हैं। 


दूसरी ओर दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम महेश जोशी को बुला रही है, लेकिन वह उम्र का बहाना दिखाकर जाने से बच रहे हैं। शेखावत ने कहा कि अब आप ही बताइये भगोड़ा कौन हुआ?


इसके अगले ही दिन शेखावत ने जोशी पर फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आपको अगर दिल्ली क्राइम ब्रांच का कार्यालय पता नहीं है तो मैं एड्रेस भेज देता हूं। इसके जवाब में महेश जोशी ने कहा कि आपको यदि एसीबी का कार्यालय पता नहीं है तो मैं बता देता हूं, वहां जाकर अपना वॉइस सैंपल देकर आइये।


दोनों तरफ से सियासी हमलों के बीच असल बात पर फोकस किया जाये तो इसकी जड़ पिछले साल गहलोत—पायलट गुट में सियासी लड़ाई मुख्य वजह है। उस वक्त सरकार की ओर से सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने दो तीन ओडिया जारी किये थे, जिनमें कथित तौर पर शेखावत की आवाज थी और वह सरकार गिराने की बातें कर रहे थे।


बाद में इस मामले को लेकर महेश जोशी ने एसीबी में मुकदमा दर्ज करवाया था। कुछ दिनों पहले इसी सिलसिले में शेखावत ने जोशी के खिलाफ जनप्रतिनिधि की फोन टैपिंग का आरोप लगा दिल्ली क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

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