कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र और आलाकमान दोनों खत्म हो चुके हैं: डॉ सतीश पूनियां

#Siyasibharat: राज्य की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, कांग्रेस सरकार में अतंर्कलह सहित विभिन्न सवालों के जवाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मीडिया से बातचीत में दिये।

 *कांग्रेस सरकार के अंतर्कलह को लेकर डॉ. पूनियां ने कहा कि,* अशोक  सरकार की बुनियाद जुगाड़ से हुई थी, जब सरकार बनी थी तब अशोक गहलोत ने बसपा, निर्दलीय, और अपनी पार्टी के बहुत सारे विधायकों को लॉलीपॉप दी होगी। यह महत्वाकांक्षाओं का खेल है, कांग्रेस के आलाकमान को भी इल्म नहीं था, ना उनके पास समाधान है।

राजस्थान शांतिप्रिय प्रदेश था, तकलीफ इस बात की है कांग्रेस के इस अंतर्कलह का पिछले 70 साल की राजनीति में इस तरह का दृश्य कभी नहीं देखा, इससे समझ में आता है कि कांग्रेस के अंदर आंतरिक लोकतंत्र भी खत्म हो गया है, कांग्रेस के भीतर आलाकमान खत्म हो गया, उनके पास समाधान भी नहीं है।

कांग्रेस सरकार के झगड़े से देश-दुनिया में प्रदेश की छवि धूमिल हुई है, लोगों का व्यवस्था व शासन से भरोसा उठा है, तभी अपराध, अराजकता, बेरोजगारी, एक किस्म से आर्थिक कुप्रबंधन साफ तौर पर दिखाई देता है। और कमजोर सरकार जब कोई आपदा आती है तो किस तरीके से खुद कमजोर हो जाती है इसका उदाहरण कोरोना कुप्रबंधन है, राजस्थान में सरकार की इस नैतिक कमजोरी के कारण कोविडकाल में काफी लोगों को मौत के मुंह में जाना पड़ा, यदि उनके मंत्रिमंडल में चुस्ती, मुस्तैदी, एकता व जागरूकता, अच्छा संगठन व अच्छी सरकार होती तो शायद कोरोना में राजस्थान बेहतर कर पाता।

जब कांग्रेस के एक विधायक यह बोलें कि कुछ विधायकों ने फोन टेपिंग-जासूसी की बात की है, तो क्या यह मुख्यमंत्री की तरफ इशारा नहीं है? क्या मुख्यमंत्री की यह विधायकों को डराने की साजिश-षडयंत्र नहीं है? 

राजस्थान की राजनीति में कोरोना से भी ज्यादा संक्रमण कांग्रेस के रूप में है, जो राजस्थान की जनता को एक तरह से संक्रमित कर रहा है, भरोसा खत्म कर रहा है, मनोबल गिरा रहा है।

 *राज्य की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को लेकर डॉ. पूनियां ने कहा कि,* राजस्थान शांतिपूर्ण प्रदेश था, अब सर्वाधिक अपराधग्रस्त राज्यों में शुमार हो गया है, यह बात नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो कहता है। 

 *कोटा में दिनदहाड़े दुकानदार पर फायरिंग व चूरू में फाइनेंस कंपनी में लूट, इस तरह की आए दिन हो रही घटनाओं से ऐसा लगता है कि प्रदेश भगवान भरोसे चल रहा है और मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं वो आंखों पर पट्‌टी बांधे हुये हैं, उन्हें जनहित व उनकी सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है।* 

प्रदेश में महिला एंबुलेंस में, अस्पताल में, थाने में, स्कूल में, होटल में, घर में सुरक्षित नहीं, यह जो असुरक्षा है वो सरकार के इकबाल खत्म होने की बानगी है। इसके अलावा दवाओं, नशीले पदार्थों का अवैध धंधा व अवैध खनन की बढोतरी, अवैध शराब का कारोबार बढ़ रहा है, जिसे रोकने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल है। 

दुनिया का हर तीसरा पर्ययक राजस्थान में आता था, लेकिन बिगड़ी कानून व्यवस्था से राजस्थान के निवेश, पर्यटन व बाकि चीजों पर सीधा असर पड़ेगा, इन सबके लिये राजस्थान के गृहमंत्री जिम्मेदार हैं।

प्रदेश भाजपा के होर्डिंग्स में फोटो को लेकर पूछ गये सवाल के जवाब में *डॉ. पूनियां ने कहा कि, भाजपा में हर चीज का एक निश्चित प्रोटॉकॉल होता है, जो केन्द्रीय नेतृत्व तय करता है।* किसके पोस्टर लगें, किसके फोटो लगें यह भाजपा राजस्थान इकाई तय नहीं करती, राजस्थान सहित सभी राज्यों के लिये पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व प्रॉटोकॉल तय करता है, जिसकी हम सब पालना करते हैं।
 
 *एक निश्चित प्रोटॉकॉल के अनुसार होर्डिंग्स पर सभी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, जिस राज्य में पार्टी सत्ता में हैं वहां मुख्यमंत्री के फोटो के साथ प्रदेश अध्यक्ष का फोटो लगता है, जहां पार्टी विपक्ष में है वहां नेता प्रतिपक्ष व प्रदेश अध्यक्ष का फोटो लगाने का प्रोटॉकॉल यह सब दिल्ली से तय हुआ है।* 

अब उसमें कोई यह कहे कि पदाधिकारियों की फोटो लगाइये तो हर प्रदेश में तीन-चार राष्ट्रीय पदाधिकारी भी होते हैं, उनकी फोटो आपने कहीं नहीं देखी होगी, यदि वो कहीं कार्यक्रम में शिरकत करते हैं तो सम्मान के साथ उनकी फोटो लगाई जाती है।

जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी में सैद्धांतिक व मौलिक तौर पर फोटो को लेकर कोई अंतरविरोध नहीं है, ना कोई गतिरोध है, इसके बारे में कोई सियासी तौर पर सोचता है तो बिल्कुल गलत है, पार्टी के प्रॉटॉकॉल की अनुपालना होती है। किसका पोस्टर-होर्डिंग कब लगेगा, किसका नहीं लगेगा, ये सब समय के कार्यक्रम, परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जो केन्द्रीय नेतृत्व तय करता है।

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