Siyasi bharat: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैंप के बीच जारी लड़ाई के दौरान अब तीसरा पक्ष खड़ा होता हुआ नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सारे के ऊपर राज्य के 13 निर्दलीय विधायक और बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायक एक नया कैंप तैयार कर रहे हैं।
यह सभी 19 विधायक 25 जून को जयपुर के एक निजी होटल में बैठक करेंगे और उस दौरान अशोक गहलोत की सरकार में शामिल होने के लिए रणनीति तैयार करेंगे। हालांकि इस बैठक के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का माइंड बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई अगस्त के महीने में जब अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ पायलट कैंप के 19 विधायकों ने बगावत कर दी थी, उस वक्त 13 निर्दलीय विधायक और बसपा के 6 विधायकों की द्वारा सरकार को बचाने का काम किया गया था।
इन सभी 19 विधायकों का कहना है कि जहां एक तरफ पायलट कैंप के विधायकों ने सरकार गिराने की पुरजोर कोशिश की थी, तब हमने सरकार को बचाई, इसलिए सत्ता और राजनीतिक नियुक्तियां में हमको भागीदारी मिलनी चाहिए।
दरअसल पिछले दिनों जब से पहले 8 कैंप के द्वारा सत्ता व संगठन में भागीदारी को लेकर बगावत की गई है, तभी से पायलट कैंप को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर बसपा के 6 विधायकों के द्वारा मुखर होकर पायलट कैम्प के विधायकों को गद्दार तक कह दिया गया है।
लोगों का यह मानना है कि अशोक गहलोत इस नए कैंप के द्वारा सचिन पायलट के एक कैंप को कंट्रोल करने के लिए काम करेंगे। क्योंकि जब पायलट कैंप के लोग सत्ता में हिस्सेदारी की बात कर रहे हैं, तब यह कैंप सामने आकर खड़ा हो जाएगा और इससे सरकार का बचाव होगा।
हालांकि यह भी माना जा रहा है कि सचिन पायलट पिछले हफ्ते दिल्ली गए थे, तब उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हो चुकी है इसी सिलसिले में अजय माकन के द्वारा बयान देकर कहा गया था कि जल्द ही प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा और उस दौरान सचिन पायलट के लोगों को भी कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।
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