Siyasi bharat:
''हम बच्चों को बचा नहीं पाएंगे'' यह कहकर मुख्यमंत्री गैर जिम्मेदार होने का प्रमाण दे रहे, प्रदेश में पैनिक भी क्रिएट कर रहे।
एक भरोसेमंद सेनापति की तरह मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का भरोसा दिलाते, जिससे लोगों का मनोबल बढ़ता, गहलोत के बयानों से लगता है कि वे कोरोना प्रबंधन एवं शासन करने की इच्छाशक्ति खो चुके हैं : डॉ. पूनियां
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आए दिन केन्द्र सरकार पर तथ्यहीन एवं झूठे आरोप लगाना और यह कहना कि हम तीसरी लहर में बच्चों को नहीं बचा पाएंगे, मुख्यमंत्री के इस बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने पलटवार किया है।
डॉ. पूनियां ने ट्वीट कर कहा कि, ''हम बच्चों को बचा नहीं पाएंगे'' यह कहकर मुख्यमंत्री ना केवल अपने गैर जिम्मेदार होने का प्रमाण दे रहे हैं, बल्कि प्रदेश में एक पैनिक क्रिएट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, देशभर के डॉक्टर्स, बच्चों में संक्रमण के घातक ना होने के संकेत कर रहे हैं और राजस्थान की जनता तो अपेक्षा करती है कि तीसरी लहर आये ही नहीं और यदि आ भी जाए तो मुख्यमंत्री बतायें कि आपकी प्रदेशवासियों को बचाने की क्या तैयारी है?
डॉ. पूनियां ने गहलोत पर निशाना साधते हुये कहा कि, एक भरोसेमंद सेनापति की तरह आप प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाते कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाएगा, तो इससे लोगों का मनोबल बढ़ता। लेकिन मुख्यमंत्री के बयानों से लगता है कि वे कोरोना के प्रबंधन एवं शासन करने की इच्छाशक्ति खो चुके हैं, मुख्यमंत्री का यह बयान कांग्रेस के टूलकिट के संदर्भ की ओर इशारा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत मजबूती से कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है, जल्द ही कोरोना को परास्त करेंगे, मोदी सरकार सभी राज्यों को लगातार मदद कर रही है, बावजूद मुख्यमंत्री गहलोत अपनी विफलतायें, मौतों व मरीजों के आकंड़े छिपाने के लिये केन्द्र सरकार पर झूठे आरोप लगाते हैं और प्रदेश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, मुख्यमंत्री, 'मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी' कहकर सिर्फ गांववालों पर ही जिम्मेदारी डालकर पल्ला नहीं झाड़ सकते, क्या स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिये मुखिया के नाते उनकी 'मेरा राज्य-मेरी जिम्मेदारी' नहीं है?
क्या राज्य के सीएचसी-पीएचसी की व्यवस्थाओं को चिकित्सा संसाधनों के साथ मजबूत करना, गांवों में टेस्टिंग व दवाइयां पहुंचाना, चिरंजीवी योजना को निजी अस्पतालों में धरातल पर लागू करना, ये सब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?
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