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कोरोना तन से ज्यादा मन की बिमारी, मजबूत मानसिकता से हम कोरोना को हरा सकते है - जीतू कुलहरी

Siyasi bharat:

योगा को हमारी जीवन शैली का हिस्सा बनाना ही होगा तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे - दिव्या शेखावत

महिलाओं को अपने अधिकारो के प्रति जागरूक होना होगा तभी महिला उत्पीडन के मामले कम होंगे - सीमा हिंगोनिया

कोरोना तन से ज्यादा मन की बिमारी है। इसलिए हमें कोरोना को हराने के लिए मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा तभी हम कोरोना को हरा पाएंगे। क्योंकि इस बीमारी में व्यक्ति को काफी समय अकेला ही व्यतीत करना पड़ता है इसलिए वो हताश हो टूटने लग जाता है। 

यह कहना था बुहाना एस.डी.एम. जीतू कुलहरी का। एस.डी.एम कुलहरी आज विश्वास परिषद्, राजस्थान द्वारा आयोजित ‘‘कोविड काल में सामाजिक परिप्रेक्ष्य में महिलाओं की भूमिका‘‘ विषय पर आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी। 

जीतू कुलहरी ने आगे कहा कि महिलाओं की भागीदारी हमारे समाज में बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना काल में महिलाओं ने दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। 

अब महिलाओं को लेकर समाज की सोच भी बदली है जिसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है। अब हम देख रहे है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आगे आ रही है और विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही है।

कार्यक्रम की अन्य वक्ता दिव्या शेखावत ने कोरोना काल में महिलाओं के लिए योग की भूमिका विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि योग शारीरिक, मानसिंक सन्तुलन के साथ हमारी बॉडी के पुर्ननिर्माण के लिए आवश्यक है। योग को हमे हमारी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा। 

दिव्या शेखावत ने आगे कहा कि अगर हम नियमित आसन करना, नियमित प्राणायाम, नियमित और सन्तुलित आहार, नियमित मेडिटेशन एवं सकारात्मक सोच और नियमित आराम के माध्यम से हम हमारे शरीर को स्वस्थ रख सकते है। 

व्यक्ति जब तक खुद के साथ ईमानदार नहीं रहेगा तब तक हम खुद को स्वस्थ नहीं रख पाएंगे। मेडिटेशन के वक्त व्यक्ति को अपनी श्वास पर नियन्त्रण रखे तो ढंग से मेडिटेशन कर पाएंगे।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा हिंगोनिया ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में पुलिस को लेकर लोगों  के मन में एक डर का माहौल बैठा हुआ है जिसके कारण महिला उत्पीडन के मामले सामने नहीं आ पाते। 

कोरोनाकाल में महिला उत्पीडन के बहुत ज्यादा मामले सामने आए है। इसका कारण है कि कोविडकाल में तनाव का स्तर बढ़ा है। जिसके कारण उत्पीडन के मामले लगातार बढ़ रहे है। 

सीमा हिंगोनिया ने आगे कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारो के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। भारत में महिला उत्पीडन की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि हमने इसे उत्पीडन के रूप में कभी स्वीकार ही नहीं किया। 


पूनम शर्मा ने बताया कि वेबिनार के माध्यम से महिलाओं की स्थिति और वर्तमान् में आ रही समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। ममता चौधरी ने वेबिनार में आए वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि निसन्देह वक्ताओं द्वारा रखे गए अमूल्य विचारों से एक नई दिशा मिलेगी। 

कार्यक्रम में हेमन्त कुमार, डॉ. नीलम बरवड, डॉ. पूनम यादव , डॉ. काना राम रैगर , डॉ.रामसिंह सामोता, डॉ. राजाभोज शर्मा, डॉ. रजत कुमार गुजराल, अभिषेक मोरदिया, डॉ. बुद्धिप्रकाश, आशीष शर्मा, डॉ. ईश्वर सिंह शेखावत, डॉ.बनवारी कुलदीप, पुनीत कुमार रायका, नेपाल चौधरी, अशोक चौधरी, महेश बोहरा सहित प्रदेश के विभिन्न महिला संगठनों की पदाधिकारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों की शौद्यार्थी एवं महिलाए वेबिनार में शामिल हुई।

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